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कस्टम ड्यूटी छूट के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करने वाले आरोपियों को सजा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सीबीआई की विशेष अदालत ने कस्टम ड्युटी की छूट के लिए फर्जी दस्तावेज देने से जुड़े मामले में 6 आरोपियों को कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मामले से जुड़े एक आरोपी तौफीक हाजी गफ्फार को सात साल के कारावास व 5.3 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि तत्कालीन सहायक कस्टम आयुक्त विनायक भेंडे को दो साल के कारावास व 20 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इसी तरह कोर्ट ने मामले में निर्यात से जुड़े मामले को देखने के लिए ईओयू विभाग में तैनात किए गए तत्कालीन अधिकारी विनय कुमार को एक साल के कारावास व पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा आरोपी मकसूद करीम बाकली को एक साल के कारावास व 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। आरोपी रफीक खांदा को 6 माह व 15 हजार रुपए के जुर्माने की सजा दी गई है। आरोपी राउफ अब्दूल अजीज को 6 माह के जेल व 6 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
कस्टम विभाग के अतिरिक्त आयुक्त ( विशेष खुफिया व जांच शाखा मुंबई) की शिकायत के बाद सीबीआई ने इस मामले को लेकर 28 जून 2003 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने शुरुआत में एक निजी कंपनी व कस्टम विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4.24 करोड़ रुपए की छूट हासिल करने का आरोप था। जिससे सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगी थी। मामले की जांच के बाद सीबीआई ने साल 2005 में कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था। इसके बाद न्यायाधीश ने मामले से जुड़े सबूतों पर गौर करने के बाद आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें कारावास की सजा सुनाई।
Created On :   2 Nov 2022 9:39 PM IST