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400 करोड़ से अधिक की खरीदी भुगतान हुआ सिर्फ 69 करोड़ का

डिजिटल डेस्क जबलपुर । जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी अंतिम दौर में है। इसके बाद भी समस्याएँ हैं कि कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिन खरीदी केन्द्रों में देर से तुलाई का काम शुरू हुआ था, वहाँ किसान अभी भी बारदाना संकट से जूझ रहे हैं। जिले के चरगवाँ, मझौली और कुण्डम क्षेत्र के कई खरीदी केन्द्रों में पिछले एक सप्ताह से बारदाना नहीं होने के कारण तुलाई का काम रुका हुआ है। किसानों द्वारा कॉल सेंटर में शिकायत दिए जाने के बाद भी समस्या का हल नहीं हो पा रहा है। इधर जिन किसानों की धान तुल चुकी है, वह भुगतान के इंतजार में बैठे हैं।
जिले में आज शाम तक करीब 2 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है, जिसका मूल्य 400 करोड़ रुपए से अधिक है। वहीं इसके मुकाबले अब तक महज 69. 21 करोड़ रुपए का ही भुगतान हो पाया है। सूत्रों की मानें तो भोपाल से ही भुगतान की प्रक्रिया देरी से होने के कारण यह हालात बन रहे हैं। करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए के ईपीओ तैयार कर भुगतान के लिए भेज दिए गए हैं, लेकिन वित्तीय संकट बताकर भुगतान छोटी-छोटी किश्तों में किया जा रहा है। इससे किसान परेशान हैं, जबकि नियमानुसार धान की तुलाई और भंडारण के अधिकतम एक सप्ताह बाद किसानों को उनके खाते में भुगतान किया जाना था, लेकिन डेढ़ माह बाद भी हजारों किसानों का भुगतान अटका हुआ है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पाँच दिन शेष बचे हैं। वहीं अब भी कई खरीदी केन्द्रों में धान का अंबार लगा हुआ है। चरगवाँ, मझौली, कुंडम के कई खरीदी केन्द्रों में करीब पंद्रह दिन पहले ही खरीदी शुरू हो पाई है। केन्द्र बदले जाने के कारण किसान आखिरी मौके तक असमंजस में थे। इस बीच कई बार धान भीग जाने के बाद भी उनकी खरीदी अटकी हुई थी। समस्या बढ़ती देख प्रशासन ने आखिरी मौके पर उनके सेंटर्स में ही खरीदी करने का निर्णय तो लिया, लेकिन वहाँ भी पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं पहुँचाए जा रहे हैं। भंडारण और परिवहन को लेकर भी समस्या बनी हुई है। खास बात यह कि किसानों को अपने ही खर्च पर तुलाई करानी पड़ रही है, जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि किसानों से तुलाई और भंडारण के लिए किसी भी तरह का भुगतान नहीं लिया जाए।
Created On :   16 Jan 2020 5:52 PM IST