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MP-CG के बॉर्डर से हो रही है ड्रग्स और पशुओं की तस्करी, यूपी-महाराष्ट्र से जुड़े तार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अनूपपुर जिले का पुष्पराजगढ़ क्षेत्र गांजा और पशु तस्करी करने वालों के लिए स्वर्ग बन गया है। MP और CG का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण ये तस्कर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर आसानी से जंगली रास्तों से MP की सीमा में प्रवेश करते हैं और फिर डिंडोरी, कटनी और चाकघाट होते हुए यूपी चले जाते हैं। यूपी तस्करी के पशुओं को बेचने खरीदने का बड़ा बाजार है। तस्कर यहीं अपना माल कैश करते हैं ।
CG से लाते हैं भैंस व पाड़ा
पशु तस्करी के अपराध में लिप्त लोग CG के गावों से भैंसा और पाड़ा खरीदकर लाते हैं। पशु तस्कर जंगली रास्तों से होते हुए आगे बढ़ते हैं और रास्ते में बिना मालिक के चरते हुए अकेले पशुओं को हांककर, ये अपने झुंड में शामिल कर लेते हैं। इस तरह रास्ते में ये पशुओं की चोरी करने से भी बाज नहीं आते। सीमा क्षेत्र में पहुंचते ही ये पशुओं को दो-दो, चार -चार के झुंड में जंगल में चरने छोड़कर अपने आदमी तैनात कर देते हैं। रात में इन पशुओं को तस्करी के लिए ट्रक में लादकर रवाना कर देते हैं ।
छग से लाते हैं गांजा
एक गिरोह पशु तस्करी करता है तो दूसरा गिरोह छत्तीसगढ़ से गांजा की तस्करी करता है। गांजा तस्करी के लिए गिरोह बड़े लग्जरी वाहन उपयोग में लाते है। वाहन में सवार लोग पहनावा इस तरह का रखते हैं कि किसी को पहली नजर में इस तरह कोई शक न हो कि इस वाहन में कोई गैरकानूनी सामान हो सकता है। कई बार तो ये वाहन में महिला सवारी भी रखते हैं, जिससे ऐसा प्रतीत हो कि वाहन में परिवार यात्रा कर रहा है। गांजा लाने का रास्ता भी वही रहता है, जो पशु तस्करी के लिए उपयोग में लाते हैं। गांजा MP के अलावा यूपी और महाराष्ट्र में भी खपत करते हैं ।
गौवंश ले जाते हैं महाराष्ट्र
पशु तस्करी करने वाला गिरोह गौवंश की तस्करी सबसे ज्यादा करता है। CG के अलावा यूपी भी से तस्कर गिरोह गाय, बैल और बछड़े लाकर महाराष्ट्र ले जाते है। गौवंश के भरे हुए ट्रक अमरकंटक और राजेन्द्रग्राम थाने से बेधड़क निकल जाते हैं। कुछ दुर्घटनाओं के बाद ये तस्कर पुलिस गिरफ्त में आए हैं। CG से लेकर महाराष्ट्र तक जब भी कोई तस्कर पकड़ा जाता है तब जानकारी में यही बात सामने आती है कि उसका रास्ता राजेन्द्रग्राम ही रहा ।
Created On :   23 Aug 2017 10:09 PM IST