क्यू-आर कोड लागू, स्कैन से पता चल जाएगा वेंडर वैध है या अवैध

Q-R code applied, scan will show vendor is valid or invalid
क्यू-आर कोड लागू, स्कैन से पता चल जाएगा वेंडर वैध है या अवैध
क्यू-आर कोड लागू, स्कैन से पता चल जाएगा वेंडर वैध है या अवैध

देश में सबसे पहले पमरे की पहल - अवैध वेंडर्स पर नियंत्रण पाने तकनीक का लिया गया सहारा
डिजिटल डेस्क जबलपुर । पूरे देश में सबसे पहले पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में वैध वेंडर्स की पहचान के लिए क्यू-आर कोड लागू कर दिया गया है, जिसके बाद अब मोबाइल पर क्यू-आर कोड स्कैन करते ही पता चल जाएगा कि वेंडर वैध है या अवैध..  रेल मंडल के वाणिज्य विभाग ने कई टीमें बनाकर जहाँ एक ओर मंंडल के रेलवे स्टेशनों पर वैध वेंडर्स की जाँच का अभियान शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर मंडल की चारों दिशाओं जबलपुर-इटारसी, जबलपुर-मानिकपुर, जबलपुर-बीना और जबलपुर-सिंगरौली के बीच ट्रेनों में चलने वाले कैटरर्स के वैध वेंडर्स की भी पड़ताल शुरू कर दी है।
जबलपुर रेल मंडल में लगभग 750 से 800 वेंडर्स काम कर रहे हैं। रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्व रंजन ने बताया कि अवैध वेंडर्स की शिकायतें मिल रही थीं, जो ट्रेनों में अवैध तरीके से गुणवत्ताहीन खाद्य सामग्री बेच रहे थे। ऐसे में रेल प्रशासन ने वैध वेंडर्स को क्यू-आर कोड के परिचय पत्र उपलब्ध करा दिए हैं। अब यात्री अपने मोबाइल स्कैनर से वेंडर के क्यू-आर कोड को स्कैन कर पता लगा सकेंगे कि वेंडर वैध या अवैध और पल भर में ही वेंडर की फोटो, नाम, वेलिडिटी के साथ कैटरर्स का नाम भी सामने आ जाएगा। उन्होंने बताया कि क्यू-आर कोड दिए जाने के बाद से वाणिज्य विभाग की टीम रेल मंडल में जाँच अभियान चला रही है, जिसमें अभी तक एक दर्जन से अधिक अवैध वेंडर्स पकड़े जा चुके हैं, जिन्हें आरपीएफ के हवाले किया जा चुका है।
रेलकर्मियों के बीच विवाद डीआरएम ऑफिस तक पहुँचा
मुख्य रेलवे स्टेशन पर टिकट चैकिंग स्टाफ और महिला बुकिंग क्लर्क के बीच हुए विवाद की शिकायत डीआरएम ऑफिस तक पहुँच गई है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार एसीटीआई एसएस मिश्रा ड्यूटी करने के बाद प्लेटफॉर्म नं. 1 के बुकिंग काउंटर पर कैश जमा करने के लिए पहुँचे थे। काउंटर पर लगी प्लास्टिक की पन्नी के कारण बात नहीं हो पा रही थी, जिस पर एसीटीआई ने पन्नी हटाने को कहा तो महिला बुकिंग क्लर्क ने आपत्ति जताई, इस बात पर  दोनों के बीच बहस हो गई। जिसके बाद महिला बुकिंग क्लर्क ने सीनियर डीसीएम को  वॉट्स-अप पर शिकायत भेजकर कार्रवाई की माँग की।
इनका कहना है
महिला बुकिंग क्लर्क और एसीटीआई के बीच विवाद की लिखित शिकायत अभी नहीं मिली है। सोमवार को प्राथमिक जाँच कराकर दोनों पक्षों के बयान लिए जाएँगे।  -विश्व रंजन, सीनियर डीसीएम

 

Created On :   14 Dec 2020 5:56 PM IST

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