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कंगना रनौत का ऑफिस तोड़ने के मामला में जल्दबाजी पर उठे सवाल, राऊत और वार्ड अधिकारी को पक्षकार बनाने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका की तोड़क कार्रवाई के खिलाफ फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से दायर याचिका पर शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत व मनपा के एच पश्चिम वार्ड के अधिकारी को पक्षकार बनाने को कहा है। इससे पहले कंगना की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र श्रॉफ ने न्यायमूर्ति एस जे काथावाला व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने एक डीवीडी पेश की। जिसके आधार पर दावा किया गया कि राऊत ने एक भाषण में रनौत को धमकाया है। इस पर खंडपीठ ने रनौत को राऊत को व मनपा अधिकारी को पक्षकार बनाने की अनुमति दी। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में राऊत को आरोपों को लेकर अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। क्योंकि यदि उन्हें अवसर नहीं दिया गया तो वे आरोपों का खंडन कर सकते हैं और डीवीडी को फर्जी बता सकते हैं। याचिका में रनौत ने मनपा की तोड़क कार्रवाई को अवैध ठहराने व दो करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की है।
खंडपीठ ने मनपा से यह भी जानना चाहा है कि क्या उसने कंगना के बगल में फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले के खिलाफ भी कोई कार्रवाई की है। क्योंकि मनपा ने मल्होत्रा को भी नोटिस जारी कर सात दिन का समय दिया था। खंडपीठ ने कहा कि किसके जीवन को खतरा था जो कार्रवाई में जल्दबाजी दिखाई गई। क्योंकि मनपा का परिपत्र सिर्फ अगल बगल रहने वाले लोगों की जान को खतरा होने की स्थिति में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की अनुमति देता है।
रनौत ने अपने हलफनामे में मनपा पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने हलफनामे में कहा है कि मल्होत्रा को जवाब देने के लिए काफी समय दिया गया पर उन्हें जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है। उन्होंने दावा किया है कि इस मामले में तोड़क कार्रवाई के जरिए मनपा ने कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग किया है। क्योंकि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय ही मिला और जल्दबाजी में उनके जवाब को खारिज कर दिया गया। खंडपीठ ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   22 Sept 2020 7:58 PM IST