सूदखोर साथी से त्रस्त रेल कर्मी ने लगाई ट्रेन के आगे छलांग

Rail employee attempt to suicide after being threatened by lender
सूदखोर साथी से त्रस्त रेल कर्मी ने लगाई ट्रेन के आगे छलांग
सूदखोर साथी से त्रस्त रेल कर्मी ने लगाई ट्रेन के आगे छलांग

डिजिटल डेस्क जबलपुर। शाम 5 बजे के आसपास जब मुख्य रेलवे स्टेशन पर पटना कुर्ला एक्सप्रेस अपनी रफ्तार लिए चली आ रही थी, उसी समय एक व्यक्ति ने आत्महत्या करने की नीयत से चलती ट्रेन के आगे छलांग की लगा दी। अचानक हुई इस हरकत से प्लेटफॉर्म नं. 3 पर मौजूद यात्रियों की चीख निकल गई, उसी पल चमत्कार हुआ और वहां मौजूद एक वकील ब्रजेश सिंह ने आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का हाथ पकड़ कर मौत के  मुंह से खींच लिया और उसकी जान बच गई।

कुछ देर के लिए स्टेशन पर सनसनी का माहौल बना रहा। जिसने भी यह दृश्य देखा उनके रोंगटे खड़े हो गए। इससे पहले की कोई विवाद बने वकील उस व्यक्ति को लेकर आरपीएफ पहुंच गए। पूछताछ में पता चला कि ट्रेन के सामने कूद कर जान देने की कोशिश करने वाला रेल कर्मी है और अपने ही रेलकर्मी साथी की सूदखोरी की प्रताड़ना से त्रस्त होकर जान देने जा रहा था।

कई साल से परेशान कर रहा था सूदखोर
आरपीएफ के एसआई एसके मिश्रा ने बताया कि पीड़ित रेल कर्मी का नाम श्याम सुंदर है, जो इंजीनियरिंग विभाग के ट्रैक मशीन शाखा में काम करता है। पूछताछ के दौरान पता चला कि श्याम सुंदर का भांजा कई साल पहले अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती था, तब उसने रेल कर्मी व पुराने साथी शिवकुमार, जो मेडिकल विभाग में अटेंडेंट है, उससे 40 हजार रुपए उधार लिए थे। पैसों को लेकर दोनों के बीच नोटरी के सामने अनुबंध भी हुआ था।

श्याम सुंदर का कहना है कि उसने वादे के अनुसार पूरे पैसे लौटा दिए, लेकिन ब्याज की रकम को लेकर शिवकुमार परेशान करता ही रहा। उसने 40 हजार की जगह 1 लाख रुपए से अधिक राशि चुका दी, लेकिन शिवकुमार यही कहता रहा कि अभी हजारों रुपए बाकी है। प्रताड़ना का यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था। जिसकी वजह से उसे यह आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एटीएम, पासबुक भी छुड़ा लिए
पूछताछ के दौरान श्याम सुंदर ने बताया कि शिवकुमार ने दादागिरी करते हुए उसका एटीएम और पासबुक भी छीन ली थी। जैसे ही बैंक में वेतन आता था, शिवकुमार अपनी जरुरत के अनुसार उसमें से पैसा निकल लेता था, जिसकी वजह से उसे परिवार की जरुरतों को पूरा करने के लिए एक एक रुपया भी नहीं मिल रहा था। ऐसे में वो दूसरे लोगों से पैसा उधार लेकर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था।

रेलवे में है सूदखोरों का दबदबा
श्याम सुंदर का मामला सामने आने के बाद यह खुलासा हो गया है कि रेलवे में सूदखोरों का दबदबा है और वो ग्रुप डी के कर्मचारियों को अपने जाल में फंसा कर उनसे कई वर्षों तक सूद वसूलते रहते हैं। यह सूदखोर पैसा लेने वालों को इतना प्रताड़ित करते हैं कि वो जान देने पर उतारू हो जाते हैं। पहले भी सूदखोरों की प्रताड़ना के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें कई रेल कर्मचारी आत्महत्या कर अपनी जान दे चुके हैं।

 

Created On :   22 Aug 2018 1:30 PM IST

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