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55 हजार कर्मचारियों को स्वास्थ्य लाभ देने वाले रेल अस्पताल को बिकने नहीं देंगे..
रेल मजदूर संघ ने पमरे महाप्रबंधक कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । भारतीय रेल को पूँजीपतियों के हवाले करने के बाद अब केन्द्रीय रेल चिकित्सालय को निजी हाथों में बेचने की साजिश रची जा रही है। पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों जोनों के 55 हजार रेल कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य लाभ देने वाले केन्द्रीय रेल चिकित्सालय को किसी कीमत पर बिकने नहीं दिया जाएगा, चाहे उसके लिए सड़कों पर उतर कर आंदोलन करना पड़े.. यह बात मंगलवार को पमरे महाप्रबंधक कार्यालय के सामने प्रदर्शन सभा को सम्बोधित करते हुए वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने केन्द्र सरकार को चेतावनी देते हुए कही। सभा को सम्बोधित करते हुए संघ के मंडल सचिव डीपी अग्रवाल, एसके वर्मा, प्रवक्ता सतीश कुमार ने कहा कि केन्द्रीय रेल चिकित्सालय रेल मजदूरों को बेहतर इलाज उपलब्ध करा रहा है लेकिन केन्द्र सरकार के इशारे पर रेल अस्पताल को बेचने की साजिश रची जा रही है और बाकायदा मुंबई की निजी कंपनी के प्रतिनिधियों को गुपचुप तरीके से अस्पताल का दौरा भी कराया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान दीना यादव, आरए सिंह, संजय चौधरी, एसके सिंह, सविता त्रिपाठी, एसके सिन्हा, जेपी मीना, जीपी सिंह, दीपक केसरी, तरुण बत्रा, मंतोष कुमार, शेख फरीद आदि मौजूद थे।पी-2
रेलवे के साथ मिलकर जबलपुर में हॉस्पिटल खोलेगा टाटा ग्रुप...?
मुंबई का टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल रेलवे के साथ मिलकर जबलपुर में आधुनिक अस्पताल खोलने की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि करीब 100 एकड़ जमीन पर विकसित होने वाले आधुनिक अस्पताल के लिए टाटा ग्रुप के प्रतिनिधि मंडल ने रेल मंत्रालय से चर्चा की है। जहाँ से मंजूरी मिलने के बाद टाटा हॉस्पिटल प्रबंधक जबलपुर में अस्पताल खोलने के लिए आगे की योजना पर काम करेंगे। जबलपुर रेल मंडल में इस बात को लेकर दिन भर चर्चाएँ होती रहीं। यह अलग बात है कि रेल अधिकारी अभी इस बारे में सीधे कुछ कहने से बच रहे हैं। हालाँकि रेलवे के मजदूर संगठनों का कहना है कि रेलवे इंद्रा मार्केट स्थित केन्द्रीय रेल चिकित्सालय को रेल मंत्रालय टाटा ग्रुप को बेच रहा है, जिसका विरोध मंगलवार को किया गया। उनका यह भी कहना है कि टाटा हॉस्पिटल की एक टीम गुपचुप तरीके से केन्द्रीय रेल अस्पताल का दौरा भी करके जा चुकी है। वहीं रेल प्रशासन की ओर से केन्द्रीय रेल चिकित्सालय को निजी हाथों में सौंपे जाने की बात को सिरे से नकार दिया गया है। रेल प्रशासन का कहना है कि अभी ऐसी कोई संभावना नहीं है। यह जरूर है कि मुंबई का टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल कैंसर सेंटर जबलपुर में बड़े हॉस्पिटल को बनाने के लिए जमीन की तलाश कर रहा है, लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि वो रेलवे के साथ मिलकर अस्पताल बनाएगा या फिर निजी स्तर पर उसकी कोई योजना है।
Created On :   6 Jan 2021 5:22 PM IST