मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकर उतराने ही पड़ेंगे

Raj Thackerays warning - loudspeakers in mosques will have to be removed
मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकर उतराने ही पड़ेंगे
राज ठाकरे की चेतावनी मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकर उतराने ही पड़ेंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे अब मस्जिदों में लगे लाउड स्पीकर को लेकर आक्रमक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर को उतारने का फैसला राज्य सरकार को करना ही पड़ेगा। यदि लाउड स्पीकर नहीं हटाए गए तो मनसे की ओर से मस्जिदों के सामने दोगुना संख्या में लाउड स्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। राज ने कहा कि मैं धर्मांध नहीं हूं बल्कि धर्म अभिमानी हूं। उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जाऊंगा। हलांकि राज ने अयोध्या दौरे की तारीख का ऐलान नहीं किया। शनिवार को गुढ़ीपाडवा के मौके पर मनसे की ओर से दादर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान में सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज ने कहा कि मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह है कि झोपड़पट्टी में चल रहे मदरसों पर ईडी की छापा मार कार्रवाई की जाए। झोपड़पट्टी में पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए लोग रहते हैं। राज ने कहा कि जनता को समझना चाहिए कि हम जाति से ऊपर उठकर हिंदु कब बनेंगे? हम कौन से हिंदुत्व का झंडा लेकर बैठे हैं ? हम हिंदुत्व के रूप में एकजुट कब होंगे? इस बीच राज ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार महाराष्ट्र में जातपात की राजनीति को बढ़ावा देना चाहते हैं। राकांपा जातपात की राजनीति में लोगों को उलझा कर रखना चाहती है।

साल 2019 में शिवसेना ने की गद्दारी

राज ने शिवसेना पर साल 2019 के विधानसभाचुनाव में गद्दारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के रूप में मतदाताओं ने शिवसेना के उम्मीदवारों को मतदान किया था। मतदाताओं ने शिवसेना को राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए वोट नहीं किया था। ऐसी गद्दारी करने वाली शिवसेना को मतदाता कौन से सजा देंगे। राज ने कहा कि मतदाताओं की कमजोरी के कारण शिवसेना जैसे दलों को सत्ता में आने का मौका मिलता है। राज ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में नतीजा घोषित होने के बाद शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को साक्षात्कार हुआ था कि मुख्यमंत्री पद का भाजपा और शिवसेना के बीच ढाई-ढाई साल के लिए समौझाता हुआ है। राज ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद उद्धव समझ गए थे शिवसेना के बिना किसी दल की सरकार नहीं बन पाएगी। इसलिए शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद मांगने लगी। राज ने कहा कि उद्धव कहते हैं कि ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने के लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एकांत में बात की थी। लेकिन उन्होंने इतना बड़ा समझौता सार्वजनिक क्यों नहीं किया? राज ने कहा कि मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई साल 2019 में भाजपा से अलग होने का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ईडी की कार्रवाई से भड़क गए हैं उन्हें अपने परिवार के सदस्यों को मुंबई मनपा में जाने से रोकना चाहिए। 

भुजबल स्वतंत्रता सेनानी थे क्या 

राज ने कहा कि राकांपा के नेता छगन भुजबल ढाई साल जेल में बंद थे। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के समय राकांपा की ओर से सबसे पहले भुबजल को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। भुजबल स्वतंत्रता सेनानी थे क्या कि राकांपा ने उन्हें सरकार बनते ही मंत्री बनाया है। राज ने कहा कि 100 करोड़ रुपए वसूली मामले में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जेल में हैं। दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध रखने वाले राकांपा के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक जेल में हैं। वैभवशाली परंपरा वाले महाराष्ट्र को हमने कहां पर लाकर खड़ा कर दिया है। राज ने कहा कि मुझे खुशी है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में विकास हो रहा है। महाराष्ट्र की नौकरियों में सबसे पहले मराठी भाषियों को प्राथमिकता होनी चाहिए। 

विधायकों का बंद हो पेंशन 

राज ने कहा कि विधायकों और सांसदों को पेंशन बंद करना चाहिए। विधायक और सांसद जनता पर उपकार करते हैं क्या? राज ने कहा कि पता नहीं कि मुख्यमंत्री से कौन से विधायक ने मुंबई में घर देने की मांग की थी। यह फिर मुख्यमंत्री को इस परियोजना में कमीशन नजर आ रहा है। 
 

Created On :   3 April 2022 12:47 PM IST

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