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कभी भी टूट सकता है रामटेक गढ़ मंदिर की चट्टान का हिस्सा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रामटेक गढ़मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा दायर सू-मोटाे जनहित याचिका पर हुई। सुनवाई में न्यायालयीन मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद जायस्वाल ने अपना शपथपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कोर्ट के समक्ष कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि, रामटेक गढ़मंदिर जिस चट्टान पर स्थित है, उस पर पीडब्ल्यूडी ने सुधारकार्य किया, लेकिन इसी कामकाज पर सीआईआरएस की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि, पीडब्ल्यूडी ने कई काम यहां अधूरे छोड़ दिए हैं। चट्टान के निरीक्षण में यह भी देखने मिल रहा है कि, उसके कई हिस्सों को सीधा नहीं किया गया है, जिसके कारण चट्टान का एक हिस्सा किसी भी वक्त टूट कर गिर सकता है और क्षतिग्रस्त हो सकता है। वहीं मंदिर परिसर में बहुत सा अनधिकृत निर्माण किया गया है, जिससे मंदिर की सुंदरता भी खंडित हाे रही है। क्षेत्र में दुकानदारों ने भी अतिक्रमण कर रखा है, जिसे हटाना जरूरी है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार भी जर्जर स्थिति में है। इसके अलावा मंदिर परिसर में पेयजल, शौचालय और सुरक्षा प्रबंध जैसी सुविधाएं नदारद हैं।
यह है मामला
रामटेक गढ़मंदिर विदर्भ के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों में से एक है। पौराणिक महत्व का राममंदिर, अगस्त ऋषि का आश्रम, कालिदास स्मारक जैसे कई आकर्षण हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को यहां खींच लाते हैं, मगर बीते कुछ वर्षों से इस परिसर की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। पहाड़ी पर अवैध खनन बढ़ गया था। दार्शनिक स्थल जर्जर होते जा रहे थे। प्रशासनिक लापरवाही का शिकार यह स्थल अपना अस्तित्व खोने की कगार पर था। यह मामला स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने खुद इस पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस मामले में खुद जनहित याचिका दायर की थी। मामले में एड.आनंद जायस्वाल न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। नगर परिषद की ओर से एड. महेश धात्रक ने पक्ष रखा।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।