Nagpur News: मनसे-शिवसेना उद्धव की विजयी सभा को लेकर महाआघाड़ी में तकरार, लोंढे ने बताया - महज इवेंट

मनसे-शिवसेना उद्धव की विजयी सभा को लेकर महाआघाड़ी में तकरार, लोंढे ने बताया - महज इवेंट

    Mumbai/Nagpur News. 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली डोम में मराठी भाषा जीत का उत्सव मनाने जा रहे शिवसेना (उद्धव) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने इस विजयी सभा के लिए तैयारियां जोरों से शुरू कर दी हैं। बुधवार को दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं ने मौके पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया। इस बीच विजयी सभा को लेकर महाविकास आघाडी में तकरार देखने को मिल रही है। राकांपा (शरद) प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि मनसे और उद्धव गुट की सभा का आधिकारिक निमंत्रण हमें अभी तक नहीं मिला है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने साफ कर दिया है कि हमें उद्धव गुट की ओर से इस सभा के लिए निमंत्रण मिल गया है और वह इस सभा में शामिल भी होंगे। बुधवार को जयंत पाटील ने कहा कि जब पांच जुलाई को मनसे और उद्धव गुट का गिरगांव चौपाटी से मार्च निकलने वाला था तो उसमें शामिल होने के लिए हमें बताया गया था। लेकिन इस मार्च के रद्द होने के बाद जब विजयी सभा का आयोजन हो रहा है तो उन्हें इसका आधिकारिक निमंत्रण अभी तक नहीं मिला है। पाटील ने कहा कि अभी तक हमसे सभा को लेकर न तो मनसे की और से कोई जानकारी दी गई है और न ही उद्धव गुट की ओर से निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने अभी तक इस सभा में शामिल होने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि उन्हें उद्धव गुट की ओर से इस सभा में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया है। हम और हमारे कार्यकर्ता इस सभा में जरूर शामिल होंगे।

    क्या है विवाद?

    राज्य सरकार ने कुछ दिनों पहले हिंदी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में कक्षा एक से कक्षा 5 तक पढ़ाने का फैसला किया था। जिसका राज्य के सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया था। इसके बाद उद्धव और राज ठाकरे ने हिंदी भाषा को स्कूलों में पढ़ाए जाने के फैसले के विरोध में 5 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। लेकिन राज्य सरकार ने विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले ही अपने हिंदी के दोनों फैसलों को रद्द कर दिया। जिसके बाद अब राज और उद्धव मराठी भाषा उत्सव मनाने जा रहे हैं।

    कांग्रेस ने इस सभा को लेकर ठाकरे भाईयों पर निशाना साधा

    कांग्रेस ने इस सभा को लेकर ठाकरे भाईयों पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है-ये महज एक इवेंट है। बुधवार को लोंढे ने संवाद माध्यम के प्रतिनिधियों से चर्चा की। राज्य सरकार ने त्रिभाषा नीति के तहत हिंदी अनिवार्यता का परिपत्रक जारी किया था। उसके विरोध में उद्धव व राज ठाकरे ने सभा का आवाहन किया था। कहा जा रहा था कि हिंदी अनिवार्यता करके मराठी पर आघात करने का प्रयास किया जा रहा है। बाद में राज्य सरकार ने हिंदी अनिवार्यता संबंध परिपत्रक वापस ले लिया। ठाकरे भाइयों की प्रस्तावित सभा में कांग्रेस व राकांपा शरद गुट के नेता भी शामिल होने वाले थे। लेकिन सरकार ने परिपत्रक रद्द कर दिया तो विरोध सभा भी रद्द कर दी। लेकिन अब ठाकरे भाइयों ने विजय सभा के आयोजन का आवाहन किया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा है कि सभा में किसी को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया है। मराठी प्रेमियों को सभा में शामिल होना चाहिए।

    कांग्रेस प्रवक्ता लोंढे ने कहा-हमको सभा के लिए किसी का निमंत्रण नहीं मिला है। विजय सभा एक इवेंट मात्र है। भाजपा ने आदेश वापस नहीं लिया है। केवल आश्वासन दिया है। भाजपा के आश्वासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। भाजपा की नीति मुंबई में राम और बगल में नाथूराम को माननेवाली है। त्रिभाषा नीति के संबंध में डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। वह समिति तय करेगी कि किस कक्षा से, कौन सी भाषा लागू की जाए। भाषा को कैसे लागू किया जाए। विद्यार्थियों को काैन सा विकल्प दिया जाए। जाधव समिति 4 माह में अध्ययन रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद सरकार त्रिभाषा नीति के पालन के संबंध में निर्णय लेेगी। एेसे में सरकार पर कैसे भरोसा किया जा सकता है कि वह अपने आश्वासन पर कायम रहेगी।

    Created On :   2 July 2025 8:05 PM IST

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