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Nagpur News: प्रतिभा में निखार, राज्य स्तरीय तलवारबाजी में चमकीं चंचल

- सरकारी स्कूल की छात्रा ने राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में हासिल किया कांस्य पदक
- शिक्षक की मेहनत से संवरा भविष्य
Nagpur News आज के दौर में जहां ज़्यादातर लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजना ही बेहतर मानते हैं, वहीं नागपुर महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाली नेताजी हिंदी माध्यमिक शाला की एक छात्रा ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती। इस शाला की 10वीं कक्षा की छात्रा चंचल सुरेश धावडे ने हाल ही में राज्यस्तरीय शालेय तलवारबाजी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक प्राप्त किया है।
यह प्रतियोगिता क्रीड़ा व युवक सेवा संचालनालय, पुणे, जिला क्रीड़ा परिषद और जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय, छत्रपति संभाजीनगर द्वारा आयोजित की गई थी। प्रशिक्षक खुद हैं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी :चंचल की इस उपलब्धि के पीछे स्कूल के समर्पित शिक्षक प्रशांत सुखदेवे का विशेष योगदान है। वे न केवल एक शिक्षक हैं, बल्कि स्वयं राष्ट्रीय स्तर के फेंसिंग खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
वे स्कूल में हिंदी, इतिहास, भूगोल और मराठी विषय पढ़ाते हैं, लेकिन समय निकालकर बच्चों को खेलों का भी प्रशिक्षण देते हैं। बच्चों में तलवारबाजी सीखने की उत्सुकता देखकर उन्होंने अपने स्वयं के खर्च से बच्चों के लिए किट मंगवाई और उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया। इसका परिणाम यह रहा कि बच्चों ने अनेक अंतर-शालेय, अंतर-जिला और खासदार क्रीड़ा उत्सव सहित राज्यस्तरीय स्पर्धाओं में भाग लेकर स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्राप्त किए। कई बच्चों को नकद पुरस्कार भी मिले हैं।
भविष्य सुरक्षित : जिन बच्चों को राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त होता है, उन्हें शासन की ओर से भविष्य में सरकारी नौकरी का लाभ मिलता है। चंचल का नाम भी उसके शिक्षक ने इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत कराया है। ऐसे में भविष्य में चंचल को भी सुरक्षित सरकारी नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
सफलता का श्रेय : चंचल ने अपनी सफलता का श्रेय नागपुर महानगरपालिका, शिक्षण विभाग, शिक्षणाधिकारी सयाम मैडम, स्कूल के प्रभारी मुख्याध्यापक राजकुमार विश्वकर्मा और समस्त शिक्षकवृंद को दिया है। नागपुर जिला तलवारबाजी संघ के महासचिव मोहम्मद शोएब ने चंचल को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और भविष्य की स्पर्धाओं के लिए शुभकामनाएं दीं।
बच्चे तो सभी हीरे होते हैं बस तराशने की ज़रूरत : गरीब बच्चों में हमेशा ही कुछ कर दिखाने की ललक होती है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे अपने सपनों को साकार करने का साहस नहीं कर पाते। मैंने अपने खुद के पैसे से बच्चों को फेंसिंग की किट दिलवाई। मेरा मानना है कि हमारी स्कूल में सभी बच्चे हीरे हैं, ज़रूरत सिर्फ उन्हें तराशने की है। मैं हिंदी, इतिहास और भूगोल का शिक्षक हूं, लेकिन साथ ही मैंने अपने राष्ट्रीय अनुभव के आधार पर इन बच्चों को तलवारबाजी का प्रशिक्षण दिया, जिसकी बदौलत आज वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं। -प्रशांत सुखदेवे, समर्पित शिक्षक
सरकारी स्कूलों के छात्र भी बना रहे पहचान : यह उपलब्धि केवल एक छात्रा की नहीं, बल्कि पूरे सरकारी स्कूल प्रणाली के लिए प्रेरणास्पद है। यह प्रमाण है कि समर्पित शिक्षकों और सही मार्गदर्शन के साथ सरकारी स्कूलों के छात्र भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।
Created On :   2 July 2025 1:06 PM IST