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बीएमसी के नोटिस के खिलाफ अदालत पहुंचे राणे, बताया मौलिक अधिकारों का हनन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मुंबई महानगरपालिका की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मनपा ने केंद्रीय मंत्री राणे व उनके परिवार के लोगों को यह नोटिस कथित रुप से जुहु स्थित अपने बगले में किए गए अनधिकृत बदलाव को लेकर जारी की है। याचिका में राणे ने मुख्य रुप से मनपा की ओर से 25 फरवरी 2022, 16 मार्च 2022 व 4 मार्च 2022 को जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि मनपा के अधिकारी की ओर से जारी की गई यह नोटिस अवैध व मौलिक अधिकारों का हनन करनेवाली है।
सोमवार को अधिवक्ता अमोघ सिंह ने न्यायमूर्ति एए सैय्यद की खंडपीठ के सामने याचिका का उल्लेख किया। इसके बाद खंडपीठ ने कहा कि हम मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। वहीं मनपा ने केंद्रीय मंत्री राणे को नोटिस जारी कर जुहू स्थित बगले "अदीश" में किए गए अनधिकृत बदलाव को हटाने को कहा है। क्योंकि यह बदलाव मंजूर प्लान के विपरीत किया गया है। नोटिस में मनपा ने कहा है कि यदि अनधिकृत बदलाव को 15 दिन में नहीं हटाया गया तो उसे खुद मजबूरन घर में किए गए अवैध निर्माण को हटाना पड़ेगा और इसका खर्च घर के मालिक से वसूल किया जाएगा।
याचिका के मुताबिक मनपा ने नोटिस आर्टलाइन प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जारी किया गया है। जिसका बाद में दूसरी कंपनी में विलय हो गया है और इसमें राणे व उसके परिवार के लोगों की हिस्सेदारी है। कंपनी का लाभार्थी होने के नाते राणे व उनके परिवार के लोग इस बगले में रह रहे हैं। चूंकि जिस जगह पर बंगला बना है वह कंपनी के नाम पर है। इसलिए याचिका कंपनी के नाम पर दायर की गई है। राणे की पत्नी नीलम व बेटा निलेश आर्टलाइन प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रह चुके हैं। इन्होंने मनपा की ओर से भेजी गई नोटिस को लेकर दिए गए जवाब में कहा है कि बंगले के जिस निर्माण कार्य को लेकर नोटिस जारी किया गया है वह नौ साल पहले पूरा किया गया था। इस लिहाज से मनपा की नोटिस दुर्भावनापूर्ण है। मनपा के अधिकारी ने नोटिस जारी कर बगले में किए अनधिकृत बदलाव को 15 दिन के भीतर हटाने को कहा है।
Created On :   21 March 2022 9:07 PM IST