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दुष्कर्म पीड़िता से क्यों नहीं कराई आरोपी की शिनाख्त, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क जबलपुर।भोपाल में एक 10 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में आरोपी की शिनाख्त कराए बिना ही कोर्ट में चालान पेश करने के मामले को हाईकोर्ट ने जमकर नाराजगी जताई है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने मामले को लेकर ऐशबाग थाने के जांच अधिकारी को 31 अक्टूबर को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
अदालत ने यह निर्देश भोपाल निवासी अनवर उर्फ बाबू खान की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिए। 30 अप्रैल 2017 को एक 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आवेदक को आरोपी बनाया गया था। आवेदक का आरोप है कि घटना के दो माह बाद पुलिस ने 22 मई को उसे गिरफ्तार करके उसके खिलाफ 30 जुलाई 2017 को कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया, लेकिन ऐसा करने से पहले उसकी शिनाख्ती पीडि़त बच्ची से नहीं कराई गई। इस प्रक्रिया को कटघरे में रखते हुए यह मामला हाईकोर्ट में दायर किया गया था।
मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से अधिवक्ता सौरभ भूषण श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद अदालत ने विवेचना अधिकारी को हाजिर होने के निर्देश दिए।
पट्टे की जमीन बेच कर रहे लाखों की कमाई!- नगर संवाददाता, जबलपुर। गरीब बेघर नागरिकों को छत मुहैया कराने के लिए शासन द्वारा दिया जाने वाले पट्टे को भी कुछ लोगों ने कमाई का धंधा बना लिया है। पता चला है कि शासकीय भूमि पर काबिज कब्जेधारी जमीन का पट्टे लेकर इसे किसी दूसरे व्यक्ति को बेच देते हैं। यह गोरखधंधा काफी लंबे समय से चल रहा है और इसमें ज्यादातर प्लाट 9 सौ वर्गफुट के हैं। बताया जाता है पट्टा बेचने के बाद इसमें खरीददार का नाम परिवर्तित नहीं किया जाता। सूत्रों का कहना है कि यह पूरा धंधा आपसी विश्वास पर टिका होता है, जिसमें न तो बेचने वाला इसका खुलासा करता और न ही खरीददार। पट्टे की भूमि क्रय करने वाला व्यक्ति सिर्फ जमीन की कीमत चुकाता है और इसके ऐवज में विक्रेता उसे संबंधित प्लाट पर या तो निर्मित मकान देता है या उस पर निर्माण कराने की अनुमति दे देता है।
Created On :   25 Oct 2017 1:31 PM IST