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रासुका की कार्रवाई खारिज ,हाईकोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता के मानवाधिकारों का उल्लंघन
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।जिला कलेक्टर द्वारा छोटे चौबे के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस जेपी गुप्ता की युगलपीठ ने कहा है कि इस मामले में राज्य सरकार ने याचिकाकर्ता के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है, इसलिए हम उसकी निन्दा करते हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता को जबरदस्ती हिरासत में भेजा गया। चूंकि याचिकाकर्ता ने इस अवैध हिरासत के लिए मुआवजा नहीं मांगा, इसलिए हम उस पर कोई आदेश नहीं दे रहे। फिर भी याचिकाकर्ता राज्य या केन्द्र के मानव अधिकार आयोगों के समक्ष शिकायत करने स्वतंत्र होगा। इन निर्देशों के साथ
युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए।
आम्र्स एक्ट के तहत हिरासत में लिया
छोटू उर्फ सुयश चौबे की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि माढ़ोताल थाना पुलिस ने उसे 25-27 आम्र्स एक्ट के तहत हिरासत में लिया और फिर जिला कलेक्टर ने 2 मई 2019 को रासुका के तहत आदेश जारी कर दिए। आवेदक का कहना था कि रासुका के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद जिला कलेक्टर के आदेश की पुष्टि गृह विभाग के अंडर सेक्रेटरी ने भी 1 जुलाई 2019 को कर दी। याचिकाकर्ता का आरोप था कि उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई 16 मामलों के आधार पर तो की गई, लेकिन जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करने से पहले इस बात पर गौर ही नहीं किया कि किन मामलों में वह बरी हो चुका और किन मामलों पर वह जमानत पर है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे और अधिवक्ता जसनीत सिंह होरा ने दलीलें रखीं। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने पूरे मामले का अवलोकन करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई अवैध ठहराते हुए उसे रिहा करने के आदेश दिए।
Created On :   16 Nov 2019 1:34 PM IST