दानवे के बयान पर राऊत का पलटवार- जेठजी की तरह काम कर रही है कोल इंडिया कंपनी

Raut counterattacked on Danves statement - Coal India Company is acting like Jethaji
दानवे के बयान पर राऊत का पलटवार- जेठजी की तरह काम कर रही है कोल इंडिया कंपनी
राज्य में शुरू हुई बिजली कटौती दानवे के बयान पर राऊत का पलटवार- जेठजी की तरह काम कर रही है कोल इंडिया कंपनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोयले के कमी के बीच प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने कहा है कि राज्य में कम से कम बिजली कटौती (लोडशेडिंग) करने का प्रयास किया जाएगा। सोमवार को राऊत ने स्वीकार किया कि राज्य में बिजली कटौती शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में थोड़ा बहुत पैमाने पर बिजली कटौती शुरू हो गई है। लेकिन राज्य में न्यूनतम बिजली कटौती करने की कोशिश की जाएगी। जिन इलाकों में बिजली कटौती की जाएगी। वहां पर ग्राहकों को पहले बिजली कटौती के बारे में जानकारी दी जाएगी। राऊत ने कहा कि फिलहाल प्रति दिन 29 हजार मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। खुले बाजार में बिजली भी उपलब्ध नहीं है। कोरोना की स्थिति नियंत्रण में होने के चलते व्यापार और उद्योग शुरू होने से बिजली की खपत बढ़ गई है। यदि ग्राहकों ने बकाया बिजली बिल का भुगतान किया तो बाजार से बिजली खरीदने में आसानी होगी। यदि ग्राहकों ने बकाया बिल नहीं भरा तो राज्य में बिजली में बिजली संकट पैदा हो सकता है। आंध्र प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में बिजली कटौती शुरू हो गई है। राऊत ने कहा कि राज्य में बिजली उत्पादन के लिए दो दिन का कोयला बचा हुआ है। देश में दूसरी बार कोयले का संकट आया है। इससे कोयले की उपलब्धता कम हो गई है। कोयले के लिए केंद्र सरकार पैसे मांगती है। यदि राज्य सरकार ने समय पर भुगतान नहीं किया तो ब्याज लगाया जाता है। राऊत ने कहा कि कोयला उपलब्ध नहीं होने के कारण बिजली की दरों में प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे बढ़ने की संभावना है। बिजली दर वृद्धि के बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। 

जेठजी की तरह काम कर रही कोल इंडिया कंपनी

केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री रावसाहब दानवे के कोयला उपलब्ध होने के दावे पर राऊत ने पलटवार किया। राऊत ने कहा कि दानवे को आंकड़ा देना चाहिए कि देश में कितना कोयला उपलब्ध है तो मैं भी उन्हें आंकड़े बताऊंगा। राऊत ने कहा कि कोल इंडिया कंपनी जेठजी की तरह काम कर रही है। कोल इंडिया बिना पैसे के कोयला उपलब्ध नहीं करा रही है। यदि ऐसा ही काम चलता रहा तो काफी मुश्किल होगी। 

2500 से 3000 मेगावाट बिजली की कमी 

दूसरी ओर महावितरण ने कहा कि राज्य में बिजली कटौती टालने का प्रयास शुरू है। लेकिन कोयले के अभाव में पर्याप्त बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इससे लगभग 2500 से 3000 मेगावाट बिजली की कमी है। इस कारण शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती करना पड़ रहा है। महावितरण ने बताया कि राज्य सरकार ने गुजरात पॉवर लिमिटेड (सीजीपीएल) से 760 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए मंजूरी दी है। इससे राज्य को 415 मेगावाट बिजली सोमवार मध्यरात से उपलब्ध हो रही है। कोयना जलविद्युत परियोजना में फिलहाल 1800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू है। इससे फिलहाल राहत मिल रही है। लेकिन पानी की कमी के कारण कोयना परियोजना पर ज्यादा दिनों तक निर्भर नहीं रहा जा सकता है। 

 

Created On :   11 April 2022 9:35 PM IST

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