राऊत ने कहा - राहुल चाहते हैं चलती रहे महाराष्ट्र सरकार

Raut said - Rahul wants Maharashtra government to keep going
राऊत ने कहा - राहुल चाहते हैं चलती रहे महाराष्ट्र सरकार
राऊत ने कहा - राहुल चाहते हैं चलती रहे महाराष्ट्र सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने प्रदेश के मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार के राहुल गांधी के कहने पर महाविकास आघाड़ी सरकार बाहर निकलने वाले बयान पर जवाब दिया है। मंगलवार को राऊत ने कहा कि राहुल की राज्य सरकार से बाहर निकलने की इच्छा नजर नहीं आ रहा है। वे चाहते हैं कि राज्य की सरकार बेहतर तरीके से चले। राहुल और हमारा बेहतर संवाद शुरू है। राऊत ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही है। इस सरकार को चलाने के पीछे का कारण भी वडेट्टीवार को पता है। इससे पहले सोमवार को वडेट्टीवार ने कहा था कि यदि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद चाहेंगे कि कांग्रेस महाराष्ट्र सरकार से अलग हो जाए तो हम तुरंत सरकार से बाहर हो जाएंगे। 

गांधी परिवार कांग्रेस का आधार कार्ड 

कांग्रेस में नए अध्यक्ष बनाने को लेकर सामने आई पार्टी की कलह पर राऊत ने कहा कि चाहे कोई कितना भी कह ले, लेकिन गांधी परिवार ही कांग्रेस का आधार कार्ड है। अभी मुझे कांग्रेस में गांधी परिवार के बाहर कोई ऐसा नेता नजर नहीं आ रहा है, जो पार्टी को आगे ले जा सकेगा। राऊत ने कहा कि राहुल में कांग्रेस का नेतृत्व करने की क्षमता है। कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में राहुल ने उत्तम नेतृत्व किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया। व्यक्तिगत रूप से मुझे उनका फैसला ठीक नहीं लगा था क्योंकि वे सेनापति थे। राऊत ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को आपसी मतभेद खत्म करना चाहिए। कांग्रेस को एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए। 

थोरात फोन कर बोले कांग्रेस के विधायक नाराज हैं

राऊत ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने मुझे फोन किया था। थोरात ने मुझसे कहा कि विकास निधि वितरण से कांग्रेस के विधायक नाराज हैं। निधि वितरण में असंतुलन है। उनकी नाराजगी नगर विकास विभाग को लेकर थी। थोरात ने कहा कि तीनों दलों के विधायकों के क्षेत्र में समान निधि वितरित होनी चाहिए। राऊत ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में रास्ता निकालेंगे। सरकार के तीनों दलों के प्रमुख नेताओं की समन्वय समिति मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेगी। कांग्रेस नाराज नहीं है। नाराजगी विधायकों में होती है। क्योंकि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास काम करने पड़ते हैं। यह बात सही है कि कोरोना के कारण दूसरे कामों को गति नहीं मिल सकी है। इससे पहले जालना के कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल ने कांग्रेस की सत्ता वाली नगर पालिकाओं को विकास निधि नहीं मिलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग से हमारे विरोधियों को भरपूर निधि मिलती है। गोरंट्याल ने कांग्रेस के 11 विधायकों के साथ अनशन की चेतावनी दी थी लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के समझाने के बाद उन्होंने अपना अनशन वापस ले लिया है।  

Created On :   25 Aug 2020 5:43 PM IST

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