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अस्पतालों की जाँच में सामने आ रही हकीकत, नर्सिंग होम एक्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर के अधिकतर निजी अस्पतालों में नर्सिंग होम एक्ट की गाइडलाइन्स का उल्लंघन हो रहा है। कहीं पर पार्किंग नहीं है, तो कहीं बिना फार्मासिस्ट के दवाएँ बिक रहीं हैं तो कहीं सिर्फ कागजों में ही विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। इसी तरह के कई मापदंडों का पालन किए बिना ही निजी अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। यह बात जाँच में सामने आई है। दरअसल प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने 6 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान निजी अस्पतालों की समय-समय पर जाँच न होने को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद जिले में मौजूद निजी अस्पतालों की जाँच के लिए कुछ दिनों पूर्व सीएमएचओ द्वारा 6 टीमें बनाई गई थीं, जिन्हें शहर के 129 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम का निरीक्षण कर जाँच रिपोर्ट सौंपने कहा गया है। प्रत्येक टीम में 2 सदस्य हैं।
विभिन्न मापदंडों पर जाँच कर रहीं टीमें
60 से ज्यादा अस्पतालों की जाँच
सूत्रों के अनुसार जाँच टीमों ने अब तक 60 से ज्यादा निजी अस्पतालों की जाँच की है। जिनमें से अधिकतर अस्पतालों में नर्सिंग एक्ट से जुड़े मापदंडों की पालन नहीं हो रहा है। इनमें कई निजी अस्पताल ऐसे हैं, जो कोरोना काल में रातों-रात अस्तित्व में आए, वहीं कुछ गड़बडिय़ाँ पहले से संचालित अस्पतालों में भी मिली हैं। टीमें द्वारा जाँच की जा रही है। जाँच टीम के एक सदस्य ने बताया कि गड़बडिय़ों में सुधार के लिए निजी अस्पतालों को एक मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी सुधार नहीं होगा तो पंजीयन का नवीनीकरण नहीं हो सकेगा।
Created On :   14 Aug 2021 3:57 PM IST