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अतिवृष्टि के बावजूद धान का रिकार्डतोड़ उत्पादन!
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में इस वर्ष मानसून में अतिवृष्टि के कारण बड़े पैमाने पर खेत फसलें तबाह हो गई। ऐसा लग रहा था कि फसलों को भारी नुकसान पहुंचकर पैसेवारी का प्रतिशत घट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके विपरीत जिला प्रशासन ने धान की पैसेवारी का जो प्रतिशत घाेषित किया है। उसे देखते हुए गोंदिया जिले ने धान के उत्पादन में रिकार्ड ब्रेक किया है। जिला प्रशासन ने जिले की पैसेवारी 92 प्रतिशत घोषित की है। सरकारी आंकड़ों को देखकर सभी अचंभे में हैं। यहां बता दें कि गोंदिया जिले को पूर्व विदर्भ में धान के कटोरे के नाम से जाना जाता है। क्योंकि जिले में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
जिले में इस वर्ष खरीफ सत्र में 1 लाख 92 हजार 751.25 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल लगाई गई। शुरुआत में बारिश नहीं आने के कारण किसान चिंतित थे। जुलाई माह के आखिर से बारिश ने रफ्तार पकड़ी। जिससे किसान राहत महसूस करने लगे थे, लेकिन अगस्त व सितंबर माह में हुई अतिवृष्टि के कारण धान की रोपाई पानी के तेज बहाव में बह गई थी। जिससे लगभग साढ़े 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल भारी नुकसान हुअा। उपरोक्त परिस्थिति को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि धान के उत्पादन में बड़े पैमाने पर कमी आएगी। लेकिन जब जिला प्रशासन ने धान की पैसेवारी घोषित की तो हर कोई अचंभे में आ गया है। प्रशासन ने जिले की पैसेवारी 92 प्रतिशत जाहीर कर दी है। इसका अर्थ यह है कि धान उत्पादन में गोंदिया जिले ने रिकार्ड ब्रेक कर दिया है।
तहसीलवार पैसेवारी
गोंदिया तहसील की पैसेवारी 92 प्र.श. घोषित की गई है। इसी प्रकार गोरेगांव तहसील की पैसेवारी 94 प्र.श., तिरोड़ा तहसील की पैसेवारी 83 प्र.श., अर्जुनी मोरगांव तहसील की पैसेवारी 88 प्र.श., देवरी तहसील की पैसेवारी 104 प्र.श.,आमगांव तहसील की पैसेवारी 92 प्र.श., सालेकसा तहसील की पैसेवारी 88 प्र.श., सड़क अर्जुनी तहसील की पैसेवारी 99 प्र.श. घोषित की गई है।
Created On :   1 Nov 2022 7:52 PM IST