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आचार संहिता व लॉक डाउन के चलते आगे नहीं बढ़ सकी भर्ती प्रक्रिया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि सरकार ने 55 कैडर के 5778 पदों को भरने की प्रक्रिया की शुरुआत की थी, लेकिन पहले लोकसभा फिर विधानसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता और अब लॉकडाउन के चलते यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। इसके अलावा 20 फरवरी 2020 को शासनादेश जारी कर भर्ती प्रक्रिया में बदलाव भी किया गया था। सरकारी वकील ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी है। राज्य सरकार की ओर से यह हलफनामा 3 सितंबर 2020 को कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के मद्देनजर दायर किया गया है। कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा था कि उसने सरकारी अस्पतालों में रिक्त पड़े स्थायी पदों पर नियुक्ति को लेकर क्या कदम उठाए है।
इस विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता खलील अहमद ने अधिवक्ता राकेश भाटकर के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि कोरोना का इलाज करनेवाले सरकारी अस्पतालों में रिक्त मेडिकल स्टाफ के पद को स्टाफिंग पैटर्न के हिसाब से भरने का निर्देश दिया जाए।
हलफनामे के मुताबिक कोरोना के चलते हर जिले के जिलाधिकारी को डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन व कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर ठेके पर नियुक्ति का अधिकार दिया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि पहले 55 कैडर के पद महापरीक्षा के जरिए भरने का निर्णय किया गया था फिर इसमें बदलाव किया गया। महापोर्टल के जरिए पदों को भरना तय किया गया। साल 2018-19 में नियुक्ति प्रक्रिया की शुरूआत की गई थी। जो बाद में चुनाव आचार संहिता व अब लॉक डाउन के चलते पूरी नहीं हो पायी पर जिलाधिकारी को ठेके पर पद भरने की छूट दी गई हैं।
हलफनामे के अनुसार सेप्सलिस्ट कैडर के 117 पदों के लिए जल्द ही इंटरव्यू लिए जाएंगे। सरकार ने सिविल सर्जन के पदों को भी भरने को लेकर प्रभावी कदम उठाए है। हाईकोर्ट ने 15 सितंबर 2020 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है।
Created On :   11 Sept 2020 7:38 PM IST