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दत्तक प्रमाणपत्र के बिना गोद लिए बेटे को अनुकंपा नियुक्ति का निर्देश देने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गोद लिए हुए बेटे को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने निर्देश देने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अनुंकपा नियुक्ति का निर्देश देने का आग्रह करनेवाले आनंद लक्ष्मण सीमा(याचिकाकर्ता) ने अपने दत्तक लिए जाने का वैध दत्तक प्रमाणपत्र नहीं पेश किया है। लिहाजा याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति नहीं प्रदान की जा सकती है। याचिकाकर्ता की मां कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में क्लर्क के रुप में कार्यरत थी। याचिकाकर्ता की मां का 24 अप्रैल 2011 को निधन हो गया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक उसकी मां ने उसे गोद लिया था। अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन के तहत कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय ने याचिकाकर्ता से दत्तक प्रमाणपत्र पेश करने के लिए कहा गया लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा। याचिकाकर्ता के मुताबिक उसकी मां ने उसे गोद लिया है इसका प्रमाण उसकी मां के परिवार वाले लोग दे रहे है। उसकी मां के परिवार के लोगों को मुझे अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार व न्यायमूर्ति एमएम कर्णिक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अपनी मां का उत्तराधिकारी है इसको लेकर वैध दत्तक प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा है। जब याचिकाकर्ता ने नौकरी के लिए आवेदन किया था तभी ही उसे उसकी मां के जिंदा रहते तैयार कराया गया दत्तक प्रमाणपत्र पेश करने को कहा गया था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। याचिका में उल्लेखित तथ्यों व केंद्र सरकार के वकील की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को वैध दत्तक प्रमाणपत्र पेश करना जरुरी है। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। तुअर बेचने किसानों को बतानी पड़ रही अपनी जाति।
Created On :   27 Feb 2020 7:08 PM IST