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नाबालिग के विवाह में मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले को जमानत से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाबालिग के विवाह में मध्यस्थ की भूमिका निभानेवाले आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले कोल्हापुर कोर्ट ने भी आरोपी हामिद हकीम के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। लिहाजा हकीम ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हकीम पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 366, व 34 के अलावा पाक्सो कानून की विभिन्न धाराओं के साथ ही बाल विवाह प्रतिबंधक कानून व एट्रासिटी कानून की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए है।
निचली अदालत के बाद हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एन.आर बोरकर की खंडपीठ के सामने हकीम जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल पर एट्रोसिटी कानून के तहत लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। जबकि सहायक सरकारी वकील केवी सस्ते ने कहा कि नाबालिग लड़की की पढाई में मदद के नाम पर जबरन शादी कराई गई है। आरोपी ने इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। जिस रिसार्ट में नाबालिग की शादी कराई गई है वह मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी का है। प्रथम दृष्टया आरोपी पर लगाए गए आरोप सही नजर आ रहे हैं। अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई है। इसलिए आरोपी को जमानत न दी जाए। मामले से जुड़े तथ्यों व पीड़ित लड़की के बयान पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में आरोपी की भूमिका नजर आ रही है। इसलिए उसके जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   3 Jan 2020 6:27 PM IST