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पत्नी को वाट्सएप पर तलाक लिखने वाले पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मेरे जिंदगी से चली जाओ, तुम्हारी जैसी औरतों को मैंने ठीक किया है। तुम्हें छोड़ने के लिए मैं बदनामी भी सह लूंगा, मैं तुम्हें मुंबई लेकर नहीं आऊंगा, तुम मुझे तलाक दे दो। पत्नी को ह्वाट्स एप पर ऐसा संदेश भेजकर प्रताड़ित करनेवाले पति को बांबे हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार कर दिया है। पति के प्रताड़ना व दहेज की मांग से तंग आकर महिला ने विवाद को दो साल के भीतर आत्महत्या कर ली थी। इसलिए पुलिस ने आरोपी पति व उसके घरवालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए(क्रूरता), 306(आत्महत्या के लिए उकसाना) 323, 504, 506 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए पति ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था। न्यायमूर्ति एनआर बोरकर के सामने आरोपी पति के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी पति की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की पत्नी ने जब आत्महत्या की थी तो वह अपने माता-पिता के साथ मायके में थी। मेरे मुवक्किल ने अपनी पत्नी को प्रताड़ित नहीं किया है। इसलिए इस मामले में मेरे मुवक्किल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरुरत नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। वहीं सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी के विवाहेतर संबंध थे। वह तलाक के लिए अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था। इसके साथ ही दहेज के लिए भी महिला के साथ बदसलूकी की है। इस दौरान सरकारी वकील ने पति की ओर से ह्वाट्स पर अपनी पत्नी को भेजे गए संदेश को भी दिखाया। जिसमें आरोपी ने पत्नी के लिए लिखा था कि मेरे जिंदगी से चली जाओ, तुम्हारी जैसी औरतों को मैंने ठीक किया है। तुम्हें छोड़ने के लिए मैं बदनामी भी सह लूंगा, मैं तुम्हें मुंबई लेकर नहीं आऊंगा,तुम मुझे तलाक दे दो, तुम मेरे घर में न रहो। न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि महिला ने विवाह के दो साल के भीतर ही आत्महत्या कर ली है। ऐसे में आरोपी पर लगे आरोपों के मद्देनजर उसके अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। इस तरह न्यायमूर्ति ने आरोपी के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
Created On :   11 Dec 2022 10:14 PM IST