10 साल की बच्ची से घर का काम कराने वाले दंपति के खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने से इंकार

Refusal to registered case against the couple who made a 10-year-old girl Servant
10 साल की बच्ची से घर का काम कराने वाले दंपति के खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने से इंकार
10 साल की बच्ची से घर का काम कराने वाले दंपति के खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस दंपति के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से इंकार कर दिया है, जिसने बिहार की एक दस साल की बच्ची को अपने घर के घरेलू कामकाज के लिए रखा था। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों को सिर्फ इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता है कि पीड़िता के अभिभावको व आरोपी ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामले को रद्द करने से समाज पर विपरीत असर पड़ेगा। एक हाउसिंग सोसायटी के कर्मचारी ने रंजीत कुमार प्रसाद नाम के दंपति के खिलाफ चेम्बूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर दंपति के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दंपति की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विशाल कनाडे कहा कि पुलिस ने सुनी सुनाई बातों के आधार पर मामला दर्ज किया है। आपने अभिभावकों से मिलने के बाद पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस लेने की इच्छा जाहिर की है। यह शिकायत गलतफहमी के चलते दर्ज कराई गई थी। बच्ची के मातापिता के पांच बच्चे हैं। उन्होंने स्वेच्छा से बच्ची को मेरे मुवक्किल के साथ भेजा था। अब मेरे मुवक्किल ने बच्ची के माता पिता के साथ मामला सुलझा लिया है। इसलिए मामले को रद्द कर दिया जाए। 

सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप हैं। ऐसे में यदि मामला रद्द किया जाता है तो इसका समाज पर विपरीत असर पड़ेगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि महज समझौते के आधार पर मामले को नहीं रद्द किया जा सकता है। 

    

Created On :   13 Jun 2021 6:06 PM IST

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