फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे डॉक्टर का क्लेम कर दिया रिजेक्ट

Rejected the claim of a doctor working as a front line worker
फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे डॉक्टर का क्लेम कर दिया रिजेक्ट
फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे डॉक्टर का क्लेम कर दिया रिजेक्ट

पॉलिसीधारक का आरोप: कोरोना संक्रमण में भी बीमा कंपनी ने हमारा साथ नहीं दिया, विश्वास पर मिला धोखा
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
बीमा कंपनी हर वक्त साथ देने का वादा करती है कि जब पॉलिसीधारक को आवश्यकता होगी उस वक्त बीमा कंपनी पूरी तरह साथ देगी पर जब जरूरत पड़ी तो हाथ खड़े कर लिए। अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस नहीं किया और जब पॉलिसीधारकों ने अस्पताल व दवाइयों, जाँच के बिल सब्मिट किए तो अनेक जानकारी दोबारा माँगी गई जो कि पहले से सब्मिट किए गए दस्तावेज में उपलब्ध थी। पॉलिसीधारकों ने सारे तथ्य देने के बाद क्लेम देने के लिए कहा तो जल्द सेटल करने का दावा किया पर बाद में बीमा कंपनी ने क्लेम ही रिजेक्ट कर दिया। पॉलिसीधारकों का आरोप है कि बीमा कंपनी ने कोरोना संक्रमण के दौरान जो फ्रंट लाइन वर्कर थे उनका भी क्लेम नहीं दिया। इससे साफ जाहिर होता है कि बीमा कंपनी धोखा देने का काम कर रही है और जिम्मेदार पूरी तरह मौन हैं। 
चिकित्सक हुआ कोरोना संक्रमित इंश्योरेंस कंपनी ने भी खींचे हाथ
पति की मौत के बाद क्लेम पाने के लिए भटक रही पत्नी
मझौली इंद्राना निवासी रोशनी साहू ने अपनी शिकायत में बताया कि पति अनुराग साहू शासकीय स्कूल में शिक्षक थे। वे रोजाना की तरह स्कूल से लौट रहे थे तभी रास्ते में हार्ट अटैक आने के कारण उनका निधन हो गया। अस्पताल लेकर गए जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। रोशनी के पति ने एलआईसी से पॉलिसी ले रखी थी और प्रीमियम भी लगातार जारी था। उसके द्वारा एलआईसी ऑफिस मदन महल में सारे दस्तावेज सब्मिट किए गए थे। दस्तावेज सब्मिट करने दोबारा बुलाकर अन्य दस्तावेज माँगे गए। दस्तावेज जमा करने के बाद वह वर्ष 2015 से लगातार एलआईसी ऑफिस के चक्कर लगा रही है पर बीमा कंपनी किसी भी तरह का सहयोग नहीं दे रही है। बीमा कंपनी के अधिकारी यह कह रहे हैं कि पॉलिसी का समय पूरा नहीं हुआ था इसलिए हम उसमें क्लेम नहीं दे सकते हैं। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी हमें भटका रही है।
जिम्मेदार कर रहे लापरवाही6 वहीं बीमा कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है पर वे पॉलिसीधारकों के साथ लापरवाही करने में लगे हैं। यही कारण है कि पॉलिसीधारक अपना क्लेम पाने भटक रहे हैं और गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं।

Created On :   26 Jun 2021 4:00 PM IST

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