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तिलवाराघाट, ग्वारीघाट और भेड़ाघाट के प्रतिबंधित क्षेत्र से हटाओ 1 अक्टूबर 2008 के बाद हुए निर्माण

हाईकोर्ट ने दिया आदेश, कार्रवाई के लिए 2 महीने का दिया समय, सच्चाई का पता लगाने कोर्ट आयुक्त भी नियुक्त
डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में हुए निर्माणों पर सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने जबलपुर कलेक्टर, एसपी और नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया है कि नर्मदा नदी के तिलवाराघाट, ग्वारीघाट व भेड़ाघाट के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में कट ऑफ डेट 1 अक्टूबर 2008 के बाद हुए निर्माण को हटाया जाए। इसके लिए दो माह के भीतर सभी पक्षों को सुनवाई का अवसर देकर विधि अनुसार निर्माण हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। डिवीजन बैंच ने सच्चाई का पता लगाने के लिए अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट आयुक्त नियुक्त किया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
यह है मामला - यह याचिका नर्मदा मिशन के अध्यक्ष नीलेश रावल और नर्मदा गौ चिकित्सा केन्द्र के अध्यक्ष शिव यादव की ओर से दायर की गई है। याचिका में नर्मदा नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र में हुए अवैध निर्माण को हटाने की माँग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी, राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड और दयोदय ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह और विपुल वर्धन जैन ने पक्ष प्रस्तुत किया।
राज्य सरकार ने पेश की 75 अवैध निर्माणों की सूची
राज्य सरकार की ओर से डिवीजन बैंच में सूची पेश कर बताया गया कि नर्मदा नदी के तिलवाराघाट, ग्वारीघाट और भेड़ाघाट के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में 1 अक्टूबर 2008 के बाद कुल 75 निर्माण हुए हैं। इसमें 41 निजी, 3 आवासीय और 31 सरकारी भवन शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि ग्वारीघाट, तिलवाराघाट व भेड़ाघाट में 300 मीटर के प्रतिबन्धित क्षेत्र में 1 अक्टूबर 2008 की कट ऑफ डेट के पूर्व 260 निजी, 572 आवासीय व 212 सरकारी भवन बनाए गए हैं।
कोर्ट आयुक्त लगाएँगे सच्चाई का पता
डिवीजन बैंच ने कोर्ट आयुक्त अधिवक्ता मनोज शर्मा को निर्देश दिया है कि वे नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र का निरीक्षण कर ग्राउंड रिपोर्ट पेश करें। नर्मदा नदी के किनारे जो भी अवैध निर्माण या रेत उत्खनन हो रहा है तो उससे भी अवगत कराया जाए।
दयोदय का निर्माण 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में नहीं
राज्य सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 मई 2019 को हाईकोर्ट द्वारा दयोदय ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण का सर्वे करने का निर्देश दिया गया था। आदेश के परिपालन में तहसीलदार, आरआई और पटवारी की टीम ने मौके पर सर्वे किया था। यह रिपोर्ट 1 जून 2019 को पेश की गई थी, जिसमें कहा गया है कि दयोदय ट्रस्ट की ओर से नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं किया गया है।
Created On :   18 March 2021 2:08 PM IST