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राकांपा प्रमुख पवार के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने का मामले में राज्य सरकार को फटकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार पर आपत्ति जनक ट्विट करने के मामले में करीब एक माह से जेल में बंद एक 22 साल के युवक को लेकर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि पुलिस इस तरह कार्रवाई करेगी तो यह एक तरह से पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति(शरद पवार) की प्रतिष्ठा को कम करने जैसे होगा। इसलिए जरुरी है कि इस मामले में राज्य सरकार यदि खुद आकर कहे कि हम आरोपी को छोड़ रहे है तो उसका सम्मान और बड़प्पन बचेगा।
न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एमएन जाधव की खंडपीठ ने आरोपी निखिल भामरे की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त बात कही। भामरे खिलाफ नाशिक पुलिस ने राकांपा प्रमुख पावर पर आपत्तिजनक ट्विट करने को लेकर एफआईआर दर्ज की है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर भामरे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि रोजना हजारों व सैकड़ो ट्विट किए जाते है तो क्या पुलिस हर ट्विट का संज्ञान लेगी। हम नहीं चाहते कि इस तरह के मामले में एफआईआर हो।
इससे पहले आरोपी के वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि पुलिस अधिकारी इस मामले में सत्ता में बैठे लोगों के साथ मिले हुए हैं। बदले की भावना के चलते याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की गई हैं। ताकि उसे परेशान किया जा सके। याचिकाकर्ता के खिलाफ करीब 6 एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि उसने अपने ट्विट में किसी के नाम का उल्लेख तक नहीं किया है। खंडपीठ ने अब इस मामले की सुनवाई 16 जून को रखी है। गौरतलब है कि पुलिस ने राकांपा प्रमुख पवार पर आपत्तिजनक ट्विट करने के लिए मराठी फिल्म अभिनेत्री केतकी चितले के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है। चितले ने भी खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर कि है।
Created On :   14 Jun 2022 8:31 PM IST