आरक्षण: पीएससी के प्रवेश नियम में संशोधन पर विचार कर रही सरकार

Reservation: Government considering amendment in admission rule of PSC
आरक्षण: पीएससी के प्रवेश नियम में संशोधन पर विचार कर रही सरकार
मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को की गई नियत आरक्षण: पीएससी के प्रवेश नियम में संशोधन पर विचार कर रही सरकार


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि पीएससी के परीक्षा नियमों में संशोधन पर सरकार विचार कर रही है। इसके लिए पीएससी और सामान्य प्रशासन विभाग से सलाह मशविरा किया जा रहा है। इस नियम में संशोधन होने से आरक्षित वर्ग के मेधावी छात्र सामान्य श्रेणी में शामिल किए जा सकेंगे। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को नियत की है।
हाईकोर्ट में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने अलग-अलग 46 याचिकाएँ दायर की हैं। याचिकाओं में मप्र राज्य परीक्षा नियम 2015 में 17 फरवरी 2020 में किए गए संशोधन की संवैधानिकता के साथ पीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2019 के रिजल्ट को चुनौती दी गई है। अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश राज्य परीक्षा नियम 2015 में 17 फरवरी 2020 को संशोधन कर दिया है। संशोधन के जरिए यह प्रावधान कर दिया गया है कि मैरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अब अनारक्षित श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा। इससे पीएससी परीक्षा में 113 प्रतिशत आरक्षण हो गया है। संशोधित नियम सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी मामले में दिए गए निर्णय के विपरीत है।
सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने संशोधन को उचित ठहराया
पीएससी परीक्षा नियम 2015 में किए गए संशोधन को उचित बताते हुए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी रतलाम निवासी अंकित दीक्षित एवं अन्य की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता आदित्य संघी ने कहा है कि पीएससी नियमों में किया गया संशोधन संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है। संशोधित प्रावधानों को लागू रहना चाहिए। डिवीजन बैंच ने हस्तक्षेप याचिका की अनुमति दे दी है।

Created On :   23 Sept 2021 11:29 PM IST

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