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रिटायर्ड स्टाफ नर्स ने की आत्मदाह की कोशिश, क्लर्क मांग रहा रिश्वत

डिजिटल डेस्क सतना। यहां जिला अस्पताल परिसर में स्थित सिविल सर्जन के कार्यालय में बुधवार की दोपहर उस वक्त हडक़ंप मच गया जब अस्पताल से ही सेवानिवृत्त 67 साल की एक बुजुर्ग स्टाफ नर्स उर्मिला जैन ने खुद पर केरोसिन छिडक़ कर सरेआम आत्मदाह करने की कोशिश की। जिस वक्त ये वाकया हुआ सीएस डा. एसबी सिंह एक्सरे रुम के निरीक्षण पर थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उर्मिला केरोसिन की बॉटल अपने साथ लाई थीं,उन्होंने तेल खुद पर उड़ेला और जैसे ही माचिस निकाली, अस्पताल चौकी प्रभारी शारदा शिवानी ने उन्हें कवर कर लिया। खबर पर सीएम भी मौके पर पहुंचे और उन्हें अपने कक्ष में ले जाकर समझाइश दी।
झगड़े की जड़ में मुंह मांगी रिश्वत
आदर्शनगर हवाई पट्टी निवासी उर्मिला जैन पत्नी स्व.जय कुमार जैन के मुताबिक वो अक्टूबर 2016 में जिला अस्पताल से स्टाफ नर्स के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। पहले जीपीएफ के भुगतान के एवज में क्लर्क हरि शंकर मिश्रा ने 1लाख 60हजार रुपए की रिश्वत के एवज में भी भुगतान की टांग फंसाई। उन्होंने मामले की शिकायत सीएस से की तो मिश्रा ने जैसे-तैसे भुगतान किया । इसके बाद सीएम कार्यालय के स्थापना क्लर्क राम सजीवन वर्मा उर्फ आरएस वर्मा बाबू ने समयमान वेतनमान, 7वें वेतनमान और एरियस के मद में रंग दिखाने शुरु कर दिए। पेट पूजा के लिए बाबू का मुंह बड़ा था लिहाजा उसने डेट पर डेट देनी शुरु कर दी। बुजुर्ग पीडि़ता के मुताबिक रामसजीवन ने पिछले साल की 6 फरवरी से अब तक दर्जनों चक्कर कटवाए। चवन्नी की भी उम्मीद नहीं होने पर स्थापना क्लर्क ने ये कह कर टंाग फंसा दी कि सर्विस बुक जेडी के दफ्तर में है। इतना ही नहीं क्लर्क ने यहां तक फरमान सुना दिया कि उर्मिला को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल सकता है। जबकि सच ये है कि अक्टूबर 2016 में सेवानिवृत्ति पर सातवें वेतनमान का लाभ और एरियस का नियम प्रभावी है।
और, ऐसे बिगड़ी बात
बुधवार की दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब बात उस वक्त बिगड़ गई जब स्थापना बाबू रामसजीवन वर्मा ने उर्मिला जैन का फोन नहीं उठाया। लिहाजा स्थापना कक्ष के सामने ही आत्मदाह के इरादे से उर्मिला जैन केरोसिन और माचिस के साथ जिला अस्पताल पहुंच गईं। बाबू सीट पर नहीं था। मामला संज्ञान में आने पर सिविल सर्जन ने क्लर्क को तलब कर तत्काल उर्मिला जैन का सर्विस रिकार्ड जेडी आफिस रीवा के लिए रवाना किया। उधर, पीडि़ता ने दो टूक चेतावनी दी कि अगर 8 दिन के अंदर नियमों के तहत उनके सभी देयकों का भुगतान नहीं होता है तो उन्हें कोई आत्मदाह से रोक नहीं सकता है। अब देखना ये है कि आरोपी स्थापना क्लर्क के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन अंतत: क्या कार्यवाही करता है?
एक अकेली बूढ़ी औरत: इकलौते बेटे का हो चुका है कत्ल
67 साल की सेवानिवृत्त बुजुर्ग उर्मिला जैन एक अकेली औरत हैं। जय कुमार जैन की बेवा उर्मिला के इकलौते बेटे अमित जैन की जून 2015 में अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के 4 आरोपी तो पकड़ में आए मगर 8अभी भी फरार हैं। बहू विनीता अपनी दो नाबालिग बेटियों साक्षी और वैशाली के साथ राजस्थान में शिफ्ट हो गई हैं। हद ये है कि हर तरफ से लाचार और टूट चुकी इस बुजुर्ग महिला पर भी स्वास्थ्य सेवाओं के कमाऊखोरों को रहम नहीं आता।
Created On :   18 Jan 2018 1:18 PM IST