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बदला लेने छात्र को बाइक सहित नहर में फेंक दिया - मुख्य आरोपी सहित 3 गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क सतना। कोलगवां पुलिस ने पिछड़ा वर्ग हास्टल के छात्र की हत्या का खुलासा करते हुए उसके ही 2 साथियों समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जन्मदिन की पार्टी में नाचने के दौरान हुए विवाद से नाराज युवक ने 2 दोस्तों के साथ मिलकर छात्र को मौत के घाट उतार दिया था। इस अंधी हत्या के रहस्य का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया कि मधुसूदन यादव पुत्र भोले यादव 22 वर्ष निवासी सेमरा थाना अमदरा यहां डिग्री कॉलेज में स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था तो कृपालपुर में संचालित पिछड़ा वर्ग बालक छात्रावास में रहता था। बीते 29 जनवरी को उसकी लाश सिजहटा के पास पुरवा नहर में मिली थी, जिसका पोस्टमार्टम कराने पर सिर में गहरी चोट पाई गई थी। लिहाजा आईपीसी की धारा 302 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। संदिग्द्ध परिस्थितियों को देखते हुए टीआई मोहित सक्सेना ने एसआई व्हीके तिवारी के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच शुरू कराई।
ऐसे जुड़ी कडिय़ां
पुलिस ने मृतक के परिजनों से पूछताछ की, लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं था, पर जब छात्रावास में पड़ताल हुई तो ज्ञात हुआ कि 21 जनवरी को चौकीदार जितेन्द्र के बेटे का जन्मदिन की पार्टी थी, जिसमें नाचने को लेकर दीपक और विष्णु के बीच विवाद हो गया था। तब दीपक की तरफ से मृतक मधुसूदन और विष्णु के पक्ष से जयवीर यादव पुत्र भूरा यादव 21 वर्ष निवासी अमिरती थाना धारकुंडी हाल बालक छात्रावास भी झगड़े में शामिल हो गए थे। यह तथ्य हाथ लगने पर जयवीर को हिरासत में लेकर सवाल-जवाब किए गए तो उसने जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि पार्टी के बाद से ही वह बदला लेने की फिराक में था। अपनी योजना को अंजाम देने के लिए फिर से दोस्ती का दिखावा किया और 29 जनवरी को हिरनिया टोला में रहने वाली बुआ के घर घुमाने मधुसूदन को बाइक पर अपने साथ ले गया। वापसी के दौरान रिश्तेदार सुखेन्द्र पुत्र लालजी यादव 18 वर्ष निवासी हिरनिया को भी साथ में ले लिया। नहर के पास पहुंचने पर दोनों लोगों ने मधु को बाइक समेत धक्का दे दिया और छात्रावास आ गए।
नहर से निकालकर नदी में फेंकी बाइक
लेकिन पकड़े जाने के डर से एक बार फिर घटनास्थल पर पहुंच गए। इस दफा प्यारेलाल पाल पुत्र सूरज पाल 18 वर्ष निवासी बरहाई थाना मझगवां भी उनके साथ था। आरोपियों ने रस्सी का फंदा डालकर बाइक को नहर से बाहर निकाला और टमस नदी पुल के नीचे फेंक आए, जिसे पुलिस ने लाश मिलने के अगले ही दिन बरामद कर लिया था। जयवीर के खुलासे पर पुलिस ने सुखेन्द्र और प्यारेलाल को भी गिरफ्तार कर लिया। हकीकत सामने आने पर प्रकरण में साक्ष्य मिटाने की धारा 201 और 34 आईपीसी भी जोड़ दी गई। तीनों को सोमवार दोपहर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में एसआई डीआर शर्मा और साइबर सेल के प्रधान आरक्षक दीपेश पटेल शामिल रहे।
Created On :   18 Feb 2020 8:19 AM GMT