वडसा देसाईगंज-गडचिरोली रेल मार्ग परियोजना के संशोधित खर्च, पुलिसकर्मियों का आकस्मिक अवकाश बढ़ाने को मंजूरी

Revised expenses of Vadsa Desaiganj-Gadchiroli rail route project
वडसा देसाईगंज-गडचिरोली रेल मार्ग परियोजना के संशोधित खर्च, पुलिसकर्मियों का आकस्मिक अवकाश बढ़ाने को मंजूरी
मंत्रिमंडल वडसा देसाईगंज-गडचिरोली रेल मार्ग परियोजना के संशोधित खर्च, पुलिसकर्मियों का आकस्मिक अवकाश बढ़ाने को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिंदे सरकार ने वडसा देसाईगंज-गडचिरोली नए रेल मार्ग परियोजना के लिए 1 हजार 96 करोड़ रुपए का द्वितीय संशोधित खर्च को मंजूरी दी है। इससे वडसा देसाईगंज-गडचिरोली रेल मार्ग परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार 50 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अनुसार राज्य सरकार परियोजना के लिए अपने हिस्से का 548 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। फिलहाल इस रेल मार्ग का केवल 7 प्रतिशत भौतिक प्रगति हुई है। साल 2010 में वडसा देसाईगंज-गडचिरोली रेल मार्ग परियोजना की कीमत 200 करोड़ रुपए थी। फिर साल 2015 में बढ़कर 469 करोड़ रुपए हो गई थी। अब परियोजना पर 1 हजार 96 करोड़ रुपए खर्च होंगे। परियोजना खर्च विभिन्न कारणों से लगातार बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर मंत्रिमंडल ने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा तत्काल देने और वन विभाग से संबंधित समस्याओं को तत्काल निपटाने का निर्देश परिवहन विभाग को दिया है। इस परियोजना के लिए 31 मार्च 2022 तक केंद्र सरकार ने 29 करोड़ रुपए निधि उपलब्ध कराया है। जबकि राज्य सरकार ने 19 करोड़ 22 लाख रुपए दिया है।  

पुलिस कर्मियों का आकस्मिक अवकाश बढ़ा

प्रदेश में पुलिस सिपाही से पुलिस निरीक्षक पद तक के कर्मियों का आकस्मिक अवकाश 12 से बढ़ाकर 20 दिन करने के फैसले को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य सरकार के कर्मचारियों की एक वर्ष में आकस्मिक अवकाश 12 दिन के बजाय 8 दिन करने का फैसला लिया था। जबकि विशेष मामला मानकर पुलिस कर्मियों को 12 दिन आकस्मिक छुट्टी दी जा रही थी। लेकिन पुलिस कर्मियों पर बढ़ते तनाव, विभिन्न त्यौहारों और उत्सावों में बंदोबस्त और वीआईपी ड्यूटी के चलते आकस्मिक अवकाश को बढ़ाकर 20 दिन करने का फैसला लिया गया है।  

एमपीएससी के माध्यम से भरे जाएंगे लिपिक के रिक्त पद

प्रदेश में वर्ग -3 के लिपिक (क्लर्क) के सभी रिक्त पद महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (एमपीएससी) के माध्यम से भरे जाएंगे। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने लिपिक के रिक्त पदों पर बहाली के लिए मंजूरी दी है। फिलहाल राज्य में अ और ब वर्ग के अधिकारियों के रिक्त पदों को एमपीएससी के माध्यम से भरा जाता है। एमपीएससी की कार्यक्षमता का विचार करते हुए मुंबई की तरह राज्य भर में लिपिक के रिक्त पदों को आयोग के माध्यम से भरने का फैसला लिया गया है। 
 

Created On :   21 Sept 2022 9:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story