रीवा महापौर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, शोकॉज नोटिस निरस्त करने से इंकार

Rewa Mayor Mamta Gupta didnt get relief from Jabalpur High Court
रीवा महापौर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, शोकॉज नोटिस निरस्त करने से इंकार
रीवा महापौर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, शोकॉज नोटिस निरस्त करने से इंकार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट से रीवा की महापौर ममता गुप्ता को राहत नहीं मिली है। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने महापौर को पद से हटाने के लिए जारी किए गए शोकॉज नोटिस को निरस्त करने से इंकार कर दिया है। एकल पीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिए कि महापौर को शोकॉज नोटिस का जवाब देने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाए। महापौर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।

यह कहा याचिका में
रीवा की महापौर ममता गुप्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें 18 फरवरी को पद से हटाने के लिए शोकॉज नोटिस दिया गया है। नोटिस में कहा गया कि उन्होंने संपत्ति कर में छूट प्रदान कर नगर निगम को आर्थिक हानि पहुंचाई है। रीवा नगर निगम की स्वामित्व की दुकानों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है। नगर निगम में लेखा समिति का गठन नहीं किया गया है। शिल्पी प्लाजा के पीछे वाहन पार्किंग के ठेके में अनियमितता की गई है। शोकॉज नोटिस का जवाब 15 दिन में देने के लिए कहा गया है।

यह दी दलील
वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने दलील दी कि रीवा महापौर को राजनीतिक दुर्भावना के तहत पद से हटाने का नोटिस दिया गया है। महापौर को जवाब देने के लिए राज्य शासन की ओर से जांच रिपोर्ट भी नहीं दी जा रही है। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता जेके पिल्लई और विवेक रंजन पांडेय ने तर्क दिया कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में रीवा महापौर को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। महापौर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने शोकॉज नोटिस निरस्त करने से इंकार कर दिया। एकल पीठ ने इस निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया कि राज्य सरकार महापौर को जवाब देने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए।

Created On :   6 March 2019 4:11 PM GMT

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