आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी को 7 साल की सजा

RPF post charge sentenced to 7 years
आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी को 7 साल की सजा
आरपीएफ के पोस्ट प्रभारी को 7 साल की सजा

केबिल चोरी के मामले में सतना के कबाड़ व्यवसायी को आरोपी न बनाने 2 लाख की रिश्वत लेते सीबीआई ने किया था गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क जबलपुर । केबिल चोरी के मामले में सतना के एक व्यवसायी को आरोपी न बनाने के एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए आरपीएफ सतना के उपनिरीक्षक व रीवा के आउट पोस्ट प्रभारी भोला नाथ सिंह यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश एसके चौबे की अदालत ने आरोपी पर ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी दायर किया है।भियोजन के अनुसार आरोपी भोला नाथ सिंह यादव वर्ष 2012 में आरपीएफ सतना में उप निरीक्षक के अलावा रीवा के आउट पोस्ट प्रभारी के पद पर पदस्थ था। आरपीएफ थाने में 100 मीटर रेलवे सिग्नल केबिल चोरी होने का मामला 10 मार्च 2012 को सुरेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ था। प्रकरण की विवेचना केडी शर्मा कर रहे थे, लेकिन दो माह का समय बीत जाने के बाद भी शेष आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी। इस पर विवेचना की जिम्मेदारी 4 जून 2012 को आरोपी भोलानाथ सिंह को सौंपी गई। उपनिरीक्षक भोलानाथ सिंह ने मामले के कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी तो की, लेकिन एक अन्य कबाड़ व्यवसायी नंदलाल सोनी फिर भी फरार रहा। इस मामले में सतना के सिंधी कैम्प में कबाड़ का व्यवसाय संचालित करने वाले नारायण दास आसवानी उर्फ नारू को झूठा आरोपी बनाने की धमकी आरोपी भोलानाथ सिंह ने दी। 24 अक्टूबर 2012 को आरोपी भोलानाथ ने नारायण दास को आरोपी न बनाने के एवज में दस लाख रुपए की रिश्वत भी मांगी। इस पर नारायण दास ने सीबीआई के पुलिस अधीक्षक मनीष सुरती को टेलीफोन पर मामले की शिकायत की। नारायण दास से लिखित शिकायत लेने के बाद 29 अक्टूबर 2012 को सीबीआई की टीम ने आरोपी भोलानाथ सिंह को नारायण दास के चाणक्यपुरी स्थित माँ दुर्गा कारपोरेशन में से दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और विवेचना के बाद विशेष अदालत में आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लोक अभियोजक विवेक सिन्हा ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी के खिलाफ लगे आरोपों को संदेह से परे प्रमाणित किया। विशेष अदालत ने आरोपी को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 13(1)(डी) व 13 (2) के तहत सात साल की सजा और ढाई लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

Created On :   24 Dec 2019 7:40 AM GMT

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