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फोन पर हैलो की बजाय वंदे मातरम पर बवाल, विपक्ष ने जताया एतराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों को फोन पर हैलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ से बातचीत शुरू करने के फैसले को लेकर विवाद पैदा हो गया है। मुस्लिम संगठन सहित महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। हालांकि मुनगंटीवार अपने फैसले पर कायम हैं।
कांग्रेस का ‘बलीराजा की जय’
प्रदेश कांग्रेस ने वंदे मातरम की जगह पर जय बलीराजा (किसान) का नारा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ कहने को लेकर कांग्रेस का विरोध नहीं है। ‘वंदे मातरम’ भारत का स्वाभिमान है। लेकिन अन्नदाता की अनदेखी हो रही है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार को किसानों की याद दिलाने के लिए कांग्रेस ने फोन पर बातचीत की शुरुआत ‘जय किसान’ से करने का फैसला लिया है। यह लोगों की भूख को मिटाने वाले किसानों के प्रति एक आभार भी है।
गैर जरुरी मामलों को भाजपा कर रही आगेः अजित पवार
मानसून अधिवेशन में भी वंदे मातरम मुद्दे की गूंज सुनाई देगी। मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि शिंदे सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा के बजाय गैर जरूरी मामलों को आगे करके उसको तुल दे रही है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम को लेकर किसी को आपत्ति नहीं है। लेकिन अचानक वंदे मातरम के मामले को लाने का क्या कारण है? सरकार को वंदे मातरम की बजाय यह बताना चाहिए कि वह मंहगाई कम करने और जीवनावश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर करने के लिए क्या कदम उठा रही है। अजित ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 50 प्रतिशत कटौती करने की मांग की थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा ने पेट्रोल और डीजल की दामों में मामूली कटौती की है।
‘वंदे मातरम’ के लिए सरकार चलाएगी अभियानः मुनगंटीवार
मंगलवार को नागपुर में मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि फोन पर बातचीत की शुरुआत वंदे मातरम से करने को लेकर 26 जनवरी तक अभियान चलाया जाएगा। जिन लोगों को भारत की भूमि को वंदन करने में अड़चन हो रही है उन्हें समझाया जाएगा। विरोध करने वालों से संवाद करके समझाया जाएगा। मुनगंटीवार ने कहा कि हैलो शब्द के इस्तेमाल की शुरुआत 1827 में हुई थी। हैलो का मतलब आश्चर्य व्यक्त करना है। अब हमने अंग्रेजों की याद को पोंछने की कोशिश की है।
‘हम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं’
मुस्लिम समाज के संगठन रजा अकादमी ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। अकादमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने कहा कि हम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, वदें मातरम के अलावा दूसरा विकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में मुस्लिम उलेमाओं से सलाह लेंगे।
Created On :   16 Aug 2022 8:19 PM IST