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रशियन एक्सपर्ट ने कहा.. बम को एक्सप्लोसिव वैन में लोडकर 1000 किमी दौड़ाएँ, गड्ढों में कुदाएँ फिर बताएँ!
टेस्टिंग का अजीब फॉर्मूला - प्राइमरी और सेकेंडरी के जोड़ का निर्माणी ने भी ऐसे ही परीक्षण कर पास किया टेस्ट, चाँदा अंबाझरी तक का लम्बा राउण्ड लगाया
डिजिटल डेस्क जबलपुर। आयुध निर्माणी के सबसे बड़े 125 एमएम एंटी टैंक बम के जोड़ की टेस्टिंग कैसे हुई होगी यह जानकर आप भी दंग रह जाएँगे। बम को एक्सप्लोसिव वैन में लोड किया गया, चाँदा अंबाझरी होते हुए तकरीबन 1000 किमी का लंबा राउण्ड लगाया गया। सबसे खास बात रास्ते में वैन को गड्ढों में खूब कुदाया गया। फिर लौटकर आने के बाद बमों के ज्वॉइंट चैक किए गए और इस तरह से बम उस टेस्टिंग में पास हो गए जो पिछले तकरीबन एक साल से अटकी हुई थी। ओएफके में तैयार होने वाले रशियन बम में सबसे बड़ी दिक्कत प्राइमरी और सेकेंडरी (बम के दो हिस्से) को जोडऩे में आ रही थी। इसके लिए रूस से ग्लू तो मँगाया गया लेकिन हल्के से प्रेशर में ही बम के दोनों हिस्सों का जोड़ खुल जाता। इसके लिए रूस से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई लेकिन कोविड के चलते यह मुमकिन नहीं हो सका। नया ग्लू भेजने के साथ ही रशियन विशेषज्ञों ने टेस्टिंग का फॉर्मूला भी बताया। इस फॉर्मूले पर अमल करने के बाद बमों का बालासोर में ट्रायल भी किया गया। शानदार परिणाम आने के बाद तकनीकी तौर पर हरी झण्डी दे दी गई है। नतीजतन, अब मैंगो सेक्शन में काम की रफ्तार बढ़ा दी गई है।
Created On :   26 July 2021 2:14 PM IST