गार्डन की जमीन पर सदर चौपाटी और अन्य निर्माणों को मिली चुनौती

Sadar Chowpatty and other constructions challenged on garden land
गार्डन की जमीन पर सदर चौपाटी और अन्य निर्माणों को मिली चुनौती
गार्डन की जमीन पर सदर चौपाटी और अन्य निर्माणों को मिली चुनौती

डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने सदर में गार्डन की जमीन पर चौपाटी और अन्य निर्माण संबंधी आरोप के मामले को गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल तथा जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने रक्षा मंत्रालय के सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 5 मार्च को तय की है।        
सदर की गली नंबर-5 निवासी आबिद हुसैन की ओर से दायर  जनहित याचिका में कहा गया है कि सर्वे नंबर-127 की गार्डन की भूमि पर अवैध तरीके से चौपाटी का निर्माण किया गया है। दावा यह भी है कि मौजूदा चौपाटी अवैध है, क्योंकि जिस जगह पर वह बनाई गई है, वह रिकॉर्ड में गार्डन के लिए आरक्षित थी। अतिक्रमणों को नियमित करने के उद्देश्य से केन्ट बोर्ड के वार्ड मेम्बरों और अधिकारियों ने पुरानी चौपाटी को तोड़कर नई चौपाटी तैयार करवा दी। गार्डन की जमीन पर ही कॉमर्शियल बिल्डिंग और गीतांजलि सहित मालियों के क्वार्टर बनवाये गये हैं, जो अवैध हैं। याचिकाकर्ता का कहना है वर्ष 1966 में दो प्लॉटों पर निर्माण की अनुमति पाँच साल के लिये दी गई, लेकिन फिर आगे कोई  प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। दूसरी ओर अनुमति भी पाँच साल बाद स्वयं समाप्त हो गई। 
 याचिका में कहा गया है कि क्षेत्र की जनसंख्या बढ़ रही है, जहाँ गार्डन को बढ़ाया जाना चाहिये वहाँ उसे कम किया जा रहा है।  मामले में केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के सचिव, डायरेक्टर जनरल डिफेन्स एस्टेट, जीओसी डिफेन्स स्टेट, प्रिंसिपल डायरेक्टर डिफेन्स एस्टेट, केन्ट बोर्ड जबलपुर और उसके सीईओ राहुल आनंद शर्मा सहित पूर्व सीईओ बी रेड्डी शंकर बाबू को पक्षकार बनाया गया है। शुक्रवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं। याचिकाकर्ता ने मामले में स्वयं अपना पक्ष रखा। पी-4
 

Created On :   29 Feb 2020 2:02 PM IST

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