कान्हा के परसाटोला में हुआ  जंगली हाथी का सुरक्षित रेस्क्यू - पहनाई गईं बेडिय़ाँ क्रॉल में रखकर किया जाएगा प्रशिक्षित

Safe rescue of wild elephant in Parsatola, Kanha - worn beds will be trained in crawl
कान्हा के परसाटोला में हुआ  जंगली हाथी का सुरक्षित रेस्क्यू - पहनाई गईं बेडिय़ाँ क्रॉल में रखकर किया जाएगा प्रशिक्षित
कान्हा के परसाटोला में हुआ  जंगली हाथी का सुरक्षित रेस्क्यू - पहनाई गईं बेडिय़ाँ क्रॉल में रखकर किया जाएगा प्रशिक्षित

डिजिटल डेस्क जबलपुर । 27 नवम्बर को साथी की मौत के बाद लापता होकर कान्हा के जंगल पहुँचे जंगली हाथी का रविवार को टाइगर रिजर्व के परसाटोला बफर जोन में सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। कान्हा और पेंच के विशेषज्ञों की मौजूदगी में रेस्क्यू दल ने 6 हाथियों के दल के साथ जंगली हाथी की घेराबंदी की और उसे ट्रंक्युलाइज (बेहोशी का इंजेक्शन) किया। निश्चित मात्रा में बेहोशी की दवा देकर जंगली हाथी के पैरों में पहले बेडिय़ाँ पहनाई गईं और बाद में उसे रस्सियों से बाँधकर क्रॉल (हाथी को रखने वाला पिंजरा नुमा बाड़ा) में पहुँचा दिया गया। दवा का असर खत्म होने के बाद जंगली हाथी कुछ देर के लिए बेचैन हुआ, लेकिन बाद में वह सामान्य स्थिति में पहुँच गया है। अब पकड़े गए जंगली हाथी को परीक्षण के बाद किसली परिक्षेत्र के हाथी कैम्प किसली बाड़े में रखकर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद वह दूसरे हाथियों के साथ पर्यटकों के बीच पहुँचेगा।  उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़-उड़ीसा के रास्ते से आकर दो साल से कान्हा के जंगल में रह रहे दो जंगली हाथी भटककर विगत 24 नवम्बर को जबलपुर वनमंडल की सीमा में पहुँच गए थे, लेकिन बदकिस्मती से 27 नवम्बर को ग्राम मोहास के पास शिकारियों द्वारा बिछाए गए करंट के तारों की चपेट में आकर एक हाथी की मौत हो गई थी। वहीं दूसरा हाथी लापता हो गया था, जिसको लेकर दो दिन तक बड़े स्तर पर जबलपुर से मंडला तक तलाशी अभियान चलाया गया था। 3 दिसम्बर को लापता हाथी कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में पहुँच गया था, जिसकी निगरानी पेंच व कान्हा वन क्षेत्र के विक्रम सिंह परिहार, एसके सिंह के सहयोग से नरेश सिंह यादव, रविन्द्र मणि त्रिपाठी के साथ रेस्क्यू दल के अन्य सदस्य लगातार कर रहे थे। रविवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे जंगली हाथी का रेस्क्यू किया गया। 
 

Created On :   7 Dec 2020 2:17 PM IST

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