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रेत नीति लागू न होने से रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद

डिजिटल डेस्क जबलपुर। राज्य शासन ने नई रेत नीति भले ही जारी कर दी हो, लेकिन जब तक यह लागू नहीं होती तब तक फिलहाल रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों की माने तो अवैध रेत कारोबारी धड़ल्ले से कालाबाजारी कर रहे हैं। नीति के क्रियान्वयन प्रक्रिया में हो रही देरी का फायदा उठाते हुए अवैध कारोबारी तेजी से रेत का स्टॉक करने में जुट गए हैं। इससे वे नई नीति लागू होने के बाद भी उसकी आड़ में आसानी से रेत की कालाबाजारी कर सकते हैं। जानकारों की माने तो कालाबाजारी पर लगाम कसने के लिए यह जरूरी है कि जिम्मेदार विभाग समय रहते इन अवैध भंडारों की तलाश करते हुए स्टॉक को सरकारी गोदाम तक पहुंचाया जाए।
इससे पूर्व चित्रकूट उपचुनाव और अब नई नीति के क्रियान्वयन में आवश्यक प्रक्रियाओं में लगने वाले समय के चलते नीति लागू होने में अभी भी काफी समय लग सकता है। जबकि रेत की मांग लगातार बाजार में बनी हुई है। इसी का फायदा उठाते हुए रेत माफिया बेखौफ होकर रेत उत्खनन के साथ उसका विक्रय भी कर रहा है। रेत के अवैध करोबार के जारी होने के प्रमाण बीते दिनों जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई भी देते हैं, जब अधिकारियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्खनन के लिए मशीन और परिवहन के लिए खड़े वाहनों को पकड़ा है।
ज्ञात हो कि गुरुवार को गोराबाजार थानांतर्गत जैतपुर के घाट में एसडीएम जबलपुर नम: शिवाय अरजरिया और एसडीएम गोरखपुर अरविंद सिंह के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के दौरान रेत का अवैध उत्खनन करते हुए एक हाईफाई डिवाईस और रेत से भरे एक डम्पर को जब्त किया गया है। शहर से तकरीबन 20 किमी के दायरे में चल रहे इस गोरखधंधे पर जिम्मेदारों की नजर होने के बाद भी यह कारोबार कार्रवाई होने के बाद भी शुरु हो जाता है।
कई जगहों पर चल रहा धंधा-
सूत्रों की माने तो अवैध रेत उत्खनन का कार्य जिले के पाटन, कटंगी, मझौली, शहपुरा आदि क्षेत्रों के अनेक घाटों पर लंबे समय से चल रहा है। अवैध उत्खनन होने की जानकारी कई मर्तबा ग्रामीणों के साथ ही कई नागरिकों ने भी खनिज विभाग को दी है। लेकिन कुछ कार्रवाईयों को छोड़ दिया जाए तो पता नहीं किन कारणों से जिम्मेदार विभाग अमूमन कार्रवाई नहीं कर पाता है। यही नहीं जब सूचना पर कार्रवाई करने टीम जाती भी है तो मौके पर सिर्फ रेत का थोड़ा बहुत स्टॉक या एकआध वाहन पकड़ा जाता है। सूत्रों का कहना है कि यह हमेशा से देखने में आया है कि अवैध रेत उत्खनन की कार्रवाई के वक्त अधिकांश मामले में उत्खननकर्ता अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पहले ही भाग खड़े होते हैं। रेत का अवैध करोबार करने वालों के नहीं पकड़े जाने से जैसे ही कार्रवाई को कुछ दिन बीतते हैं, वैसे ही अवैध उत्खननकर्ता पुन: रेत निकासी शुरु कर देते हैं।
Created On :   2 Dec 2017 12:46 PM IST