सपना नरबलि कांड: दो महिलाओं समेत 7 को फांसी

SAPNA  narbalI scandal; 2 women including 7 hanging
सपना नरबलि कांड: दो महिलाओं समेत 7 को फांसी
सपना नरबलि कांड: दो महिलाओं समेत 7 को फांसी

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। जिला कोर्ट ने चर्चित सपना पलस्कर नरबलि कांड के 7 आरोपियों को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा एक महिला को उम्रकैद की भी सजा सुनाई गई है। जिनको फांसी की सजा सुनाई गई है, उनमें मनोज आत्राम, देवीदास आत्राम, यादवराव टेकाम, पुनाजी आत्राम, रामचंद्र, मोतीराम, यशोदाबाई शामिल हैं। वहीं दुर्गा शिरभाते को षड़यंत्र रचने के आरोप में उम्रकैद सुनाई गई है । आपको बता दें कि 24 अक्टूबर, 2012 की रात चोरांबा में सपना पलस्कर की देवी को बलि चढ़ाने के नाम पर दशहरे के दिन निर्ममता से हत्या कर दी गई थी।

क्या है मामला 

मामले में जिस महिला दुर्गा शिरभाते को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, उसने अपने शरीर में देवी आने की बात कर लोगों को गुमराह किया था। उसने लोगों से कहा कि देवी को किसी कन्या का रक्त चढ़ाने से कुल और गांव का भला होगा। इसके बाद उसके बहकावे में आकर गांव के ही मनोज लाल्या आत्राम, देवीदास आत्राम, यादवराव टेकाम, पुनाजी आत्राम, रामचंद्र आत्राम, मोतीराम मेश्राम, यशोदा मेश्राम ने पांडुरंग मेश्राम के कहने पर कन्या की बलि चढ़ाने का षड्‍यंत्र रचा। इनमें दुर्गा शिरभाते भी शामिल थी। इसे अंजाम देने के लिए चोरांबा निवासी गोपाल पलस्कर की बेटी सपना का 24 अक्टूबर, 2012 की रात 7:30 बजे यादवराव टेकाम ने अपहरण कर लिया। यादवराव सपना को अपने कंधे पर उठाकर यशोदाबाई के घर ले आया, जहां मोतीराम महादेव मेश्राम कथित मंत्रोचार करता रहा और अन्य आरोपियों ने सपना को दबोचे रखा। इसके बाद रामचंद्र आत्राम ने अपने घर से लाई लोहे के चाकू से सपना का गला काटकर, उसकी बलि चढ़ा दी।  जब सपना का सिर धड़ से अलग हुआ तो उसे देवी के कलश के सामने रख दिया गया। यशोदा मेश्राम ने सपना का रक्त जमा कर, उसे कलश पर छिड़क दिया।  

खेत की मेड़ पर दफना दिया था शव

घटना के दिन रात में यशोदा मेश्राम और मोतीराम मेश्राम चोरांबा गांव के दुर्गोत्सव में स्थापित देवी की प्रतिमा के पास गए। वहां उन्होंने देवी पर और होम पर रक्त डाला और वापस घटनास्थल पर आ गए। यही नहीं सभी ने सपना के रक्त को प्रसाद के तौर पर पिया। इसके बाद सपना के शरीर और उसके कटे सिर को एक बोरे में भर दिया। पूजा का सामान यशोदा के घर के बाथरूम के बगल में गड्ढा बनाकर दफना दिया गया। इन आरोपियों ने बाद में यशोदा मेश्राम के कहने पर सपना का शव, गांव के निकट लियाकत तंवर के खेत की मेढ़ पर गड्ढा खोदकर दफना दिया। उसके बाद सपना की खोपड़ी, अस्थियां और कपड़े बाहर निकालकर, चोरांबा गांव के निकट जंगल में लाकर डाल दिए। काफी समय तक सपना की गुमशुदगी को लेकर पूरे जिले में बवाल मचा रहा और बात राज्य स्तर पर पहुंची। लगातार दबाव बढ़ता देख पुलिस सक्रिय हुई और सपना की तेजी से खोजबीन शुरू हो गई। अंतत: पूरे मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया।  

13 गवाहों के बयानों की हुई जांच 

District और sessions court में इस प्रकरण में कुल 13 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। खास यह भी कि सपना की माता शारदा और पिता गोपाल पलस्कर अपने बयान से पलट गए थे। जब मामले की सुनवाई पूरी हुई तब सोमवार को court ने 7 आरोपियों को फांसी की और दुर्गा शिरभाते को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा सभी आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत अतिरिक्त सजा भी सुनाई गई है। 

Created On :   16 Aug 2017 12:07 PM GMT

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