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बंद नहीं होगी सारथी संस्था, 7 करोड़ 94 लाख की संजीवनी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि मराठा समाज के शैक्षणिक विकास के लिए काम करने वाली सारथी संस्था को राज्य सरकार बंद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सारथी संस्था को 7 करोड़ 94 लाख 89 हजार 238 रुपए मंजूर किया गया है। राज्य के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। गुरुवार को मंत्रालय में पुणे स्थित छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान, प्रशिक्षण और मानव विकास संस्था (सारथी) को लेकर बैठक हुई। बैठक में सांसद छत्रपति संभाजीराजे, विधायक विनायक मेटे और मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक मौजूद थे। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सारथी संस्था के यूपीएससी और एमपीएससी के विद्यार्थियों की फेलोशिप और सारथी के तारादूत के वेतन की बकाया राशि देने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा समाज के शाश्वत विकास के लिए सारथी संस्था के जरिए विजन 2020-30 के तहत अगले 10 सालों का प्रारूप तैयार किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सारथी संस्था में होने वाले हर महीने के खर्च को वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सारथी संस्था को लेकर मराठा समाज के बीच गलतफहमी पैदा हो गई थी लेकिन इसको दूर करके बेहतर तरीके से काम किया जाएगा। सारथी संस्था की हर दो महीने में बैठक होगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की पिछली भाजपा सरकार में सारथी संस्था की अनियमितता को लेकर राज्य के मदद व पुनर्वसन विभाग के सचिव किशोर राजे निंबालकर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। समिति की रिपोर्ट सरकार को मिली है। इसके बाद सरकार ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने कुंटे समिति को रिपोर्ट देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।
सांसद संभाजीराजे ने कहा कि हमने सारथी संस्था की स्वायत्ता कायम रखने की मांग की है। जिसको उपमुख्यमंत्री ने मान्य किया है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि मराठा समाज के साथ विश्वासघात नहीं होगा। मुझे अपेक्षा है कि उपमुख्यमंत्री ने जो वादा किया है वह करके दिखाएंगे। संभाजीराजे ने कहा कि हमारी अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार को लेकर कोई नाराजगी नहीं है।
सारथी और अण्णासाहब महामंडल नियोजन विभाग के पास
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा समाज के शैक्षणिक विकास के लिए काम करने वाली सारथी संस्था और मराठा समाज के आर्थिक विकास के लिए काम करने वाला अण्णासाहब पाटील आर्थिक पिछड़ा विकास महामंडल आगामी समय में नियोजन (योजना) विभाग के तहत काम करेगा। यह प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किया जाएगा। फिलहाल सारथी संस्था अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग और अण्णासाहब पाटील महामंडल कौशल्य विकास व उद्यमिता विभाग के तहत काम करता है। राज्य के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सारथी संस्था की जिम्मेदारी मुझसे छीनी नहीं गई है बल्कि मैंने ही सारथी संस्था का कामकाज नियोजन विभाग के पास देने का फैसला किया है। वहीं कौशल्य विकास व उद्यमिता विभाग मंत्री नवाब मलिक ने अण्णासाहब पाटील महामंडल को नियोजन विभाग के पास देने के लिए सहमति दी है।
सांसद छत्रपति संभाजीराजे को तीसरी कतार में बिठाने पर हंगामा
सारथी संस्था को लेकर मंत्रालय की पुरानी इमारत की छठवीं मंजिल के हाल में बुलाई गई बैठक में सांसद संभाजीराजे को तीसरी कतार में बिठाने पर मराठा क्रांति मोर्चा के समन्यवकों ने हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि सांसद संभाजीराजे को मंच पर बिठाया जाए। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों को सारथी संस्था की समस्याओं को सुलझाना है अथवा हंगामा करना है। इस पर सांसद संभाजीराजे ने ही लोगों को समझाया। जिसके बाद बैठक सुचारू रूप से चल सकी। बाद में उपमुख्यमंत्री ने अपने कैबिन में अलग से बैठक लेकर सारथी के बारे में अहम फैसला लिया है। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें मालूम है कि किसका मान-सम्मान कैसे रखना है। हम आज राजनीति में नहीं आए हैं। 30 साल से हम चुनाव जीत रहे हैं। बैठक में केवल सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बैठने की व्यवस्था दूर-दूर की गई थी। अजित ने कहा कि मैंने हर बार देखा है कि अच्छे फैसला लेते समय ऐसी घटनाएं होती हैं। कुछ लोगों को कुछ अलग करके आनंद मिलता है तो उसको आनंद लेना चाहिए। सांसद संभाजीराजे ने कहा कि छत्रपति घराने के लिए मान-सम्मान का मुद्दा नहीं रहता। छत्रपति घराने का व्यक्ति सेवक के रूप में होता है। मैं बैठक में समाज के लिए आया था। बैठक में जो फैसला हुआ है उसको लेकर मुझे खुशी है। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर मराठा समाज आंदोलन न करे।
Created On :   9 July 2020 7:34 PM IST