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पोखरवार के जंगल में मारा गया 1 लाख का इनामी डकैत ललित पटेल

डिजिटल डेस्क, सतना। तीन लोगों को ज़िंदा जला कर मार देने और कई सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले एक लाख के इनामी डकैत ललित पटेल को सतना पुलिस ने रविवार देर शाम मार गिराया। दो घंटे तक डकैतों के साथ चली मुठभेड़ में सतना पुलिस की गोलियों ने इनामी दस्यु सरगना को ढेर कर दिया। पिछले कुछ दिनों से जंगल में ही डेरा डाले रहे एसपी राजेश हिंगणकर की टीम को यह बड़ी कामयाबी मिली है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नयागांव थाना इलाके के पोखरवार जंगल में डकैत ललित गिरोह और पुलिस की टीम का आमना सामना होने के बाद रविवार की दोपहर मुठभेड़ शुरू हो गई। दोनों तरफ से चली गोलियों की तड़तड़ाहट से जंगल दहल उठा। लगभग दो घंटे तक चली गोलीबारी के बीच आखिरकार दस्यु सरगना ललित पुलिस की गोली का निशाना बन ही गया। उसके साथियों ने सरगना को अपने साथ ले जाने की कोशिश भी की लेकिन लगातार जारी फायरिंग के कारण उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। पुलिस को जंगल में गैंग लीडर की लाश मिली।
कभी मुखबिरी करता था
कभी पुलिस का शागिर्द रहा ललित पटेल दस्यु उन्मूलन अभियान में मुखबिरी का काम करता था। धीरे-धीरे वह डकैतों के रास्ते पर चले गया और पुलिस को ही खुली चुनौती देने लगा। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस की पालिसी के कारण मुखबिर ने बगावत कर बन्दूक उठाई हो। डकैत गौरी भी इसका एक उदाहरण माना जाता है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो ललित के पास गिरोह में ज्यादा लोग तो नहीं थे लेकिन वह दुःसाहसी बहुत था। उसके गैंग में आधा दर्जन के करीब साथी थे। उसके पास ज्यादा हथियार भी नहीं थे लेकिन फिर भी पुलिस को उसने नाको चने चबाने को मजबूर कर दिया। हालांकि पुलिस इस बात से अधिकारिक तौर पर हमेशा ही इनकार करती आई है कि डकैतों के खिलाफ ललित कभी उसके लिए हथियार हुआ करता था।
हत्या और अपहरण से फैलाई दहशत
दस्यु सरगना ललित पटेल ने थोड़े से समय में दहशतगर्दों के बीच अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश में पिछले माह जुलाई में दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। उसने मुखबिरी के संदेह में मुन्ना यादव ,रामपाल यादव और इंद्रपाल यादव का अपहरण किया और फिर तीनों को ज़िंदा जला दिया। इस वारदात के बाद उसने मुड़ियादेव सरकारी स्कूल के हेडमास्टर यशोदा प्रसाद कोल को अगवा कर लिया। एक सप्ताह तक हेडमास्टर डकैतों के चंगुल में रहा। सूत्र बताते हैं कि हेडमास्टर की रिहाई फिरौती देने के बाद ही हो पाई थी। हालांकि पुलिस का दावा है कि उसने दबाव बनाया था जिसके कारण ललित गैंग को मजबूरन हेडमास्टर को छोड़ना पड़ा।
30 हजार से 1 लाख पहुंचा इनाम
एमपी की सतना पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके ललित पटेल पर इनाम की राशि बहुत तेजी के साथ बढ़ी थी। पहले यह राशि महज 30 हजार रुपये हुआ करती थी लेकिन बाद में यह बढ़ा कर 50 हजार की गई। मगर फिर भी जब डकैत सरगना का कोई सुराग नहीं मिला और वारदातें नहीं थमी तो इनाम की राशि 50 हजार से बढ़ा कर 1 लाख कर दी गई। यूपी पुलिस ने भी पौसलहा गांव के रहने वाले डकैत सरगना ललित पटेल पर दस हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
सीएम ने किया था ऐलान
बीते दिनों मझगवां आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि चित्रकूट क्षेत्र को डकैतों से निजात दिलाई जाएगी। अब यहां या तो डकैत रहेंगे या शिवराज। उन्होंने पुलिस को ओपन हैंड देने की बात करते हुए कहा था कि आईजी और एसपी को टास्क देकर भेजा गया है। गत 30 जुलाई को सीएम के इस ऐलान के एक हफ्ते के अंदर ही सतना एसपी राजेश हिंगणकर की टीम ने इनामी दहशतगर्द ललित को ढेर कर दिया।
Created On :   6 Aug 2017 11:05 PM IST