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उच्च शिक्षा की तैयारी के लिए एससी छात्रों को मिलेंगे 2 लाख, इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को शुल्क में छूट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में दसवीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंक लाने वाले अनूसूचित जाति (एससी) के कमजोर वर्ग के छात्रों को व्यावसायिक उच्च शिक्षा की पूर्व तैयारी के लिए कुल 2 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने गुरुवार को बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को व्यावसायिक उच्च शिक्षा की पूर्व तैयारी के 11वीं और 12वीं इन दो वर्ष के लिए हर साल 1 लाख रुपए यानि कुल दो लाख रुपए का अनुदान डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (बार्टी) के मार्फत दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्रों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से कम होना जरूरी होगा।मुंडे ने कहा कि अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के छात्रों को एमएच-सीईटी, जेईई और नीट जैसी परीक्षा की तैयारियों के लिए इस राशि से मदद मिलेगी। बार्टी के 30वें बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 21 जून को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से शुरू की गई इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों के माता-पिता की कुल वार्षिक आय 2.5 लाख के भीतर होनी चाहिए। साथ ही यह योजना उन माता-पिता के बच्चों पर लागू नहीं होगी, जो सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। आय और जाति का प्रमाण अनिवार्य होगा। इस योजना में लाभार्थियों की संख्या असीमित होगी। मुंडे ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले, कम वेतन या अनुबंध के आधार पर निजी क्षेत्र में काम करने वाले गरीब परिवारों के छात्रों के लिए यह योजना बहुत फायदेमंद होगी। योजना के पारदर्शी रूप से क्रियान्वयन की जवाबदारी बाबासाहेब आंबेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (बार्टी) की होगी। मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेंगे कि इस योजना का लाभ गरीब परिवारों के योग्य छात्रों तक पहुंचे।
इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को शुल्क में छूट
कोरोना संकट के मद्देनजर शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में सरकारी और सरकार अनुदानित स्वायत्त संस्थाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस के अतिरिक्त वसूले जाने वाले अन्य शुल्क में 16 हजार 250 रुपए (लगभग 25 प्रतिशत) छूट दी जाएगी। इससे लगभग 20 हजार इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को फायदा मिल सकेगा। प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह घोषणा की है। गुरुवार को सामंत ने राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग महाविद्यालय और संस्थाओं की समीक्षा की। सामंत ने कहा कि सरकारी और सरकार अनुदानित स्वायत्त इंजीनियरिंग की संस्थाओं में विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क भरना पड़ता है। लेकिन कोरोना संकट में महाविद्यालय बंद होने के चलते विद्यार्थी ग्रंथालय और जिमखाना जैसी शैक्षणिक सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं किया है। इसलिए विद्यार्थियों से अन्य शुल्क नहीं वसूलने का फैसला किया गया है।
Created On :   24 Jun 2021 9:12 PM IST