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बेलगाम ट्रक की चपेट में आने से छात्रा की मौत - 2 बाइक सवार गंभीर

डिजिटल डेस्क सतना। शहर के अंदर नेशनल हाइवे में शुक्रवार की दोपहर एक फुल स्पीड ट्रक नंबर एमपी 17 एचए 2375 की चपेट में आने से बाइक में सवार 21 वर्षीया छात्रा ललितांम्बरा सिंह परिहार पुत्री ऋषिनारायण सिंह निवासी कचनार की जहां मौैके पर ही मौत हो गई, वहीं इसी बाइक में सवार 2 अन्य यीशू सिंह बैश पिता इंद्रमणि सिंह (17) और राहुल सिंह पिता गजेन्द्र सिंह (20) गंभीर रुप से घायल हो गए। यीशू मृतका के फुफेरे और राहुल चचेरे भाई हैं। सिटी कोतवाली पुलिस ने आईपीसी के सेक्सन 304 बी, 279 और 337 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। जानलेवा हादसे के लिए जिम्मेदार ट्रक गंली नंबर 5 धवारी निवासी पूजा जायसवाल के नाम पर दर्ज है। जिस समय ये हादसा हुआ शहर में नो-इन्ट्री लागू थी और ट्रक में वारदाना लोड था। ट्रक को खाद्यान्य परिवहन की आड़ में शहर में घुसने की प्रशासनिक परमिशन भी थी।
पीछे से मारी जोरदार ठोकर
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि नागौद की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक नंबर एमपी 17 एचए 2375 ने यश पेट्रोल पंप के पास बाइक नंबर यूपी 70- सीयू 1099 पर पीछे से ठोकर मारी। ठोकर इतनी जोरदार थी कि बाइक सीधे ट्रक के अंदर जा घुसी बाइक में पीछे बैठी छात्रा ललितांम्बरा के ट्रक के पिछले चके की चपेट में आने के कारण जहां मौके पर ही मृत्यु हो गई। वहीं दो अन्य गंभीर रुप से घायल हो गए। हादसे के साथ ही ड्राइवर ट्रक से कूद कर भाग गया। कचनार निवासी छात्रा यहां पतेरी में अपनी बुआ के घर रह कर बीएससी बायोटेक (फायनल ) की पढ़ाई कर रही थी। रोज की तरह यूनिवर्सिटी से क्लास छूटने के बाद उसने अपने फुफेरे भाई यीशू सिंह को फोन लगाया। गांव से उसका चचेरा भाई राहुल भी आया हुआ था। दोनों बाइक से बहन को लेकर घर लौट रहे थे कि इसी बीच ये हादसा हो गया।
कब तक चलेगा नो-इन्ट्री के साथ जानलेवा मजाक
कहने को तो शहर में सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक प्रशासन ने नो-इन्ट्री प्रभावी कर रखी है। इसके लिए शहर के बाहर सोहावल मोड़, बगहा, ट्रांसपोर्ट नगर, बायपास पर टिकुरिया टोला और बायपास तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने चेक प्वाइंट भी लगा रखे हैं लेकिन पीडीसी के खाद्यान्य परिवहन की अत्यावश्यक सेवा की आड़ में यहां डंके की चोट में नो-इन्ट्री की वॉट लग रही है। जानकारों के मुताबिक शुक्रवार को शहर के अंदर दिन दहाड़े नेशनल हाइवे पर जिस फुल स्पीड ट्रक नंबर
एमपी 17 एचए 2375 ने छात्रा की जान ले ली, वो ट्रक भी खाद्यान्य परिवहन की आड़ में नोइन्ट्री के दौरान शहर के अंदर घुसने के लिए अधिकृत था,मगर इस ट्रक में हादसे के समय पीडीसी का खाद्यान्न नहीं बल्कि वारदाने लोड थे। सवाल ये है कि क्या ऐसे ट्रकों के दिन में शहर में प्रवेश की शर्तें तय नहीं हैं। ऐसे ट्रकों को नोइन्ट्री के बाद भी सुबह 8 बजे से सुबह 10 बजे तक, दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक और फिर रात 8 बजे से शहर प्रवेश की अनुमति है।
क्लीयर क्यों नहीं है कंडीशन
इन्हीं जानकारों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन से जोड़ जुगाड़ कर खाद्यान्य परिवहन की अनुमति लेने के बाद तमाम ट्रक शहर में यूं ही फर्राटे भरते हैं। प्रशासनिक अनुमति के कारण ट्रैफिक पुलिस भी ऐसे ट्रकों पर हाथ नहीं डाल सकती है। जानकारों का कहना है कि नोइन्ट्री के दौरान शहर में भारी भरकम ट्रकों के प्रवेश के लिए प्रशासनिक स्तर पर अनुमति की कंडीशन क्लीयर नहीं होने के कारण इस सुविधा का डंके की चोट पर दुरुपयोग हो रहा है? और एक के बाद एक बड़े जानलेवा सडक़ हादसे हो रहे हैं। यंू तो पीडीएस के काम में महज 16 से 20 ट्रक ही लगे हैं,लेकिन अनुमति प्रशासनिक अनुमति कितने ट्रकों को है? ये भी एक बड़ा सवाल है।
Created On :   31 March 2018 2:12 PM IST