स्कूलों को नहीं मिले आरटीई के 1850 करोड़, मेस्टा ने दी विधानभवन पर मोर्चा निकालने की चेतावनी 

Schools did not get 1850 crores of RTE, Mesta warns to take out front on Vidhan Bhavan
स्कूलों को नहीं मिले आरटीई के 1850 करोड़, मेस्टा ने दी विधानभवन पर मोर्चा निकालने की चेतावनी 
परभणी स्कूलों को नहीं मिले आरटीई के 1850 करोड़, मेस्टा ने दी विधानभवन पर मोर्चा निकालने की चेतावनी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षा अधिकार (आरटीई) कानून के तहत राज्य के हजारों स्कूलों में पढने वाले करीब दस लाख विद्यार्थियों की 1850 करोड़ रुपए फीस की प्रतिपूर्ति अब तक नहीं हुई है। महाराष्ट्र इंगलिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन (मेस्टा) ने अपनी बैठक के बाद यह खुलासा किया है। मेस्टा के अनुसार साल 2017 से साल 2021 के बीच आरटीई के तहत सरकार की ओर से विद्यार्थियों की फीस का एक रुपए भी प्रतिपूर्ति के तौर पर नहीं मिला है। यह राशि 1850 करोड रुपए है। बुधवार को परभणी में मेस्टा की राज्य कार्यकरिणी की हुई बैठक में तय किया गया है कि यदि सरकार की ओर से फीस की प्रतिपूर्ति करने की दिशा में एक माह के भीतर कदम नहीं उठाया गया तो नागपुर में होने वाले शीतकालिन अधिवेशन के दौरान विधानसभा पर बड़ा मोर्चा निकाला जाएगा। यह जानकारी देते हुए मेस्टा के संस्थापक अध्यक्ष संजयराव पाटील ने बताया कि आरटीई कानून के तहत स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटे गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले व कामजोर तबके के बच्चों के लिए आरक्षित रखी जाती है। इन सीटों पर दाखिला लेनेवाले बच्चों की फीस का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है जबकि 40 प्रतिशत रकम राज्य सरकार को देना होता है। केंद्र सरकार अपना हिस्सा राज्य सरकार को भेजती है और राज्य सरकार अपना हिस्सा मिलाकर फीस की प्रतिपूर्ति करती है। लेकिन साल 2017 से 2021 के बीच आरटीई के तहत दाखिला लेनेवाले बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति नहीं हुई है। 

उन्होंने बताया कि आरटीई के तहत दाखिला लेनेवाले बच्चों को न तो गणवेश  मिले है और न ही किताबे मिली है। यह पैसा कहा गया इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि आरटीई के तहत फीस की रकम की प्रतिपूर्ति समय पर न होने के चलते स्कूलों को वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसका असर स्कूलों की सुविधाओं पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से निधि आती है लेकिन राज्य सरकार फीस की प्रतिपूर्ति नहीं करती है। जिससे स्कूलों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कार्यकरणी की बैठक में तय किया गया है कि यदि फीस की प्रतिपूर्ति की रकम एक माह के भीतर स्कूलों के खाते में जमा नहीं हुई तो हम विधानसभा में मोर्चा लेकर जाएंगे। 

 

Created On :   7 Oct 2021 5:12 PM IST

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