एसडीओपी, सीएसपी और डीएसपी को नहीं मान सकते फील्ड पर काम करने वाले अधिकारी

SDOP, CSP and DSP cannot be considered field officers
एसडीओपी, सीएसपी और डीएसपी को नहीं मान सकते फील्ड पर काम करने वाले अधिकारी
एसडीओपी, सीएसपी और डीएसपी को नहीं मान सकते फील्ड पर काम करने वाले अधिकारी

पुलिस वालों के ट्रांसफर को लेकर प्रकाश सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई नजीर पर हाईकोर्ट का फैसला
 डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
एक अहम फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस विभाग में पदस्थ एसडीओ(पी), सीएसपी और डीएसपी को फील्ड पर काम करने वाला अधिकारी नहीं माना जा सकता। ऐसे में पुलिस वालों के ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों उन पर लागू नहीं होंगे और उनका तबादला दो साल के पहले किया जा सकता है। इस मत के साथ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की युगलपीठ ने एक एसडीओपी के किए गए तबादले को उचित बताते हुए एकलपीठ द्वारा दिया फैसला खारिज कर दिया।
युगलपीठ ने यह फैसला पाटन के एसडीओपी देवी सिंह ठाकुर की ओर से दायर अपील पर दिया। आवेदक का कहना था कि 26 फरवरी 2019 को पाटन में एसडीओपी के पद पर पदस्थ एसएन पाठक को अजाक थाने में डीएसपी के पद पर ट्रांसफर किया गया था और उसी आदेश में देवी सिंह को पाटन में एसडीओपी का प्रभार सौपा गया था। एसएन पाठक ने अपने तबादले को इस आधार पर चुनौती दी कि डेढ़ साल के भीतर उनका यह दूसरा तबादला है, लिहाजा वह 14 फरवरी 2007 की स्टेट पॉलिसी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बादल के केस में दिए दिशानिर्देशों के खिलाफ है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 12 अप्रैल 2019 को एकलपीठ ने अपना फैसला देते हुए माना था कि याचिकाकर्ता प्रकाश सिंह बादल के मामले में दिए दिशानिर्देशों के तहत ऑपरेशनल पोस्ट पर काम कर रहे हैं, इसलिए उनका तबादला दो साल के सामान्य कार्यकाल से पहले नहीं किया जा सकता। इस मत के साथ एकलपीठ ने याचिकाकर्ता एसएन पाठक के तबादला आदेश को निरस्त कर दिया था। एकलपीठ के इसी फैसले को चुनौती देकर यह अपील दायर की गई थी।
मामले पर हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मद्देनजर अपना फैसला सुनाते हुए एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
युगलपीठ ने कहा कि ऑपरेशनल ड्यूटी के तहत दो साल का कार्यकाल आईजी, डीआईजी, एसपी और टीआई के लिए है। इस दायरे से एसडीओपी और सीएसपी को बाहर रखा गया है। ऐसे में एकलपीठ द्वारा दिया गया आदेश उचित नहीं है। इस मत के साथ युगलपीठ ने एकलपीठ का आदेश खारिज कर दिया। आवेदक देवी सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता डीके दीक्षित और अजय शुक्ला ने पैरवी की।
 

Created On :   2 Jan 2020 2:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story