बरसात लाती कारोबार का मौका, नागपुर में इलाहाबाद के केवट शिद्दत से बना रहे नाव

Seasonal Business : 10 persons are engaged in making boat at Nagpur
बरसात लाती कारोबार का मौका, नागपुर में इलाहाबाद के केवट शिद्दत से बना रहे नाव
बरसात लाती कारोबार का मौका, नागपुर में इलाहाबाद के केवट शिद्दत से बना रहे नाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी के लश्करीबाग में 10 मिस्त्री शिद्दत से नाव बनाने के काम में जुटे हैं। दरअसल ये कारीगर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से आए हैं। जो बारिश शुरु होते ही नाव बनाने का काम कर रहे हैं। अबतक ये लोग 50 नाव बनाकर बेच चुके हैं। बताया जा रहा है के बारिश के दौरान तालाबों और नदी के इलाकों में नावों की मांग बढ़ जाती है। यहां बनने वाली एक नांव की कीमत हजारों में होती है। आसपास के इलाकों में नांव की डिमांड होती हैं। नाव बनाने के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वह मजबूत हो और विपरीत स्थिति में भी नाविक का साथ दे सके।

बरसात लाती कारोबार का मौका
इलाहाबाद के अलावा कानपुर के केवट भी पुश्तों से नाव का बनाने का काम करते हैं। जो नाव बनाने में रात-दिन जुटे रहते हैं, क्योंकि कानपुर के आसपास के ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात अक्सर बनते हैं। लोगों को बचाने के लिए प्रशासन को नाव का सहारा लेना पड़ता है। जिसे खरीदने के लिए वो इलाहाबाद तक जाते हैं। हालांकि इलाहाबाद के केवट संतरानगरी में वहीं मजबूत नाव बनाकर बेचते हैं। वैसे देखा जाए तो नाव दो तरह से बनती है, एक लोहे की चादर से तो दूसरी लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई जाती है।

हालांकि लकड़ी की नाव बनाने में इलाहाबाद के कारीगर खासे मशहूर हैं। वहां लकड़ी से ही नाव बनाई जाती है। ज़्यादातर नावें 12 फ़ीट लंबी और छह 6 चौड़ी होती हैं। ऐसी नाव में 12 लोग आराम से बैठ सकते हैं। इसे बनाने में महीने भर का वक्त भी लगता है।
 

Created On :   9 July 2018 3:16 PM GMT

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