सात लाख का बिल देख बीपीएल कार्डधारी के उड़े होश

Seeing the bill of seven lakhs, the BPL card holder was blown away
सात लाख का बिल देख बीपीएल कार्डधारी के उड़े होश
सात लाख का बिल देख बीपीएल कार्डधारी के उड़े होश

अनाप-शनाप बिजली देयकों ने उड़ाई लोगों की नींद, शिकायत सुनने के बजाय कुर्सी छोड़कर भाग रहे अधिकारी
डिजिटल डेस्क कटनी ।
बीपीएल कार्डधारी एक उपभोक्ता पिछले तीन माह से बिजली बिल का सुधार कराने परेशान है। इसे विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा कि तीन माह पहले उपभोक्ता को चार लाख रुपये से अधिक का बिल थमा दिया गया। सुधार करने आवेदन दिया तो अगली बार सात लाख रुपये से भी अधिक का देयक घर पहुंचा दिया। शुक्रवार को जब यह भारी भरकम बिजली बिल बड़े अधिकारियों के संज्ञान में आया तब पता चला कि उसे तो केवल
ढाई सौ रुपये ही जमा करना है। मिशन चौक ईश्वरीपुरा वार्ड निवासी मोहम्मद याकूब स्वयं सरकार की दया पर निर्भर है। कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए लॉकडाउन में शासन के दिए अनाज से उसके घर चूल्हा जल रहा था। बिजली बिल देखकर तो उसके होश ही उड़ गए। कनिष्ठ अभियंता पी.एस.दुबे ने स्वीकार किया कि लॉक डाउन के कारण गलत रीडिंग होने से ऐसी स्थिति बनी, देयक में सुधार करके दिया, उनका बिल लगभग ढाई सौ रुपये का है।
सुबह से दोपहर तक इंतजार
अनाप-शनाप बिजली देयकों की शिकायतों के निराकरण में अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि उपभोक्ता सुबह से दफ्तरों में अफसरों का इंतजार करते  रहते हैं और वे कुर्सी छोड़कर गायब हो जाते हैं। साहब के इंतजार में ही सुबह से दोपहर हो जाती है। शुक्रवार को एमपीईबी के गणेश चौक स्थित सिटी आफिस में दोपहर एक बजे तक यहां दर्जनों उपभोक्ता सुबह से देयकों में सुधार के लिए अधिकारियों का इंतजार कर रहे थे लेकिन कुर्सियां खाली पड़ी थीं।
दो माह बाद ही आठ हजार रुपये का बिल
गुलवारा निवासी सियाबाई चौधरी ने बताया कि उनके पति प्रभुराम चौधरी के नाम पर मीटर लगा है। दो माह बाद तीन हजार रुपये का बिल दे दिया गया। हिरवारा के बबलू आदिवासी के अनुसार उनके घर में केवल एक बल्ब लगा है। वह भी केवल रात के समय जलता है। इसके बाद 5600 रुपये का बिल दे दिया, जबकि इसके पहले हर माह सौ-डेढ़ सौ रुपये बिल आता है। गाटरघाट निवासी प्रमोद छिरौल्या के अनुसार उन्हे मार्च माह में ही भुगतान किया था। दो माह का 561 यूनिट खपत का 3790 रुपये दिया गया। हिरवारा के हलक कुमार 8351 रुपयेू का बिल लेकर सुधार कराने भटकते रहे।  कौंडिय़ा के शिवकुमार गड़ारी के बिल में खपत तो 106 यूनिट दर्ज है और बिल 4095 रुपये का दे दिया।
87 हजार बिल, फरवरी से अंधेरे में परिवार
नगर के दुबे कालोनी निवासी लक्षमण प्रसाद पर विद्युत मंडल की बेरहमी का का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जनवरी माह में उनके बड़े पुत्र का निधन हो गया। 15 फरवरी को 87 हजार रुपये का बिजली बिल थमा दिया और 24 फरवरी को लाइट काट दी गई। बुजुर्ग और उनका परिवार चार माह से अंधेरे में रहने विवश हैं। लक्षमण प्रसाद के अनुसार उनके घर का मीटर बंद पड़ा है। इसके पहले 300-400 रुपये बिल आता है। अभी वह पुत्र शोक से उबर भी नहीं पाए थे कि  भारी भरकम बिल भेज दिया। बिल सुधार करने अधिकारियों से कहा तो लाइन ही काट दी। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद सहायक यंत्री आए थे, उन्होने भी बंद मीटर देखा था पर न तो बिल सुधरा न मीटर बदला।
इनका कहना है
 विद्युत देयकों में सुधार के लिए शीघ्र ही उपकेन्द्र स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे, इसके बाद फालोअप कैम्प लगाए जाएंगे। जिन उपभोक्ताओं के बिल पांच हजार रुपये से अधिक हैं उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं।
 -एल.पी.खटीक अधीक्षण यंत्री
 

Created On :   27 Jun 2020 9:57 AM GMT

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