होस्टल में बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपियों की सजा बरकरार

Sentence upheld of Accused for sexual harassment to children in hostel
होस्टल में बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपियों की सजा बरकरार
होस्टल में बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपियों की सजा बरकरार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने छात्रावास में तीन नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी की दस साल की सजा को बरकरार रखा है। आरोपी बंशीधर घूमरे पुणे स्थित छात्रावास का संचालन करता था। निचली अदालत ने साल 2015 में घूमरे को इस मामले में दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की थी। जस्टिस एएम बदर के सामने घूमरे की अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि बच्चों के अभिभावकों ने संगीत की शिक्षा के लिए अपने बच्चों को छात्रावास में रखा था। ताकि वे संगीत के साथ-साथ अपने धर्म से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर सके, लेकिन आरोपी ने बच्चों का यौन उत्पीड़न किया। इससे परेशान होकर बच्चों ने पहले इसकी जानकारी अपने अभिभावकों को दी फिर मामला पुलिस में दर्ज कराया गया है।

वहीं आरोपी ने दावा किया कि उसे इस मामले में फंसाया गया है। क्योंकि वह बच्चों को अनुशासन में रहने के लिए कहता था। जिसके कारण बच्चे उससे नाराज रहते थे और वे छात्रावास से निकलना चाहते थे। इसलिए उन्होंने मुझ पर यौन उत्पीड़न का झूठा आरोप लगाया है। 

यौन उत्पीड़न  करने वाले आरोपियों की सजी बरकरार
मामले से जुड़े दोनों पक्षों सुनने के बाद जस्टिस ने कहा कि मामले से जुड़े बच्चे काफी संस्कारी परिवार से हैं। बच्चे सामान्य पढाई के साथ अपने धर्म व संगीत की शिक्षा भी हासिल कर सके, इसलिए उन्हें छात्रावास में रखा गया था। ऐसे में इस बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। बच्चों ने आरोपी को फंसाने के इरादे से उस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस दौरान जस्टिस ने नाबालिग लड़कों को लेकर पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट को भी सही माना और आरोपी को सुनाई गई सजा को बरकरार रखा और उसकी अपील को खारिज कर दिया। 

 

Created On :   21 Jan 2019 12:48 PM GMT

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