इंदौर, ग्वालियर जैसे शहरों में सीरो सर्वे, जबलपुर में कोई तैयारी नहीं

Sero survey in cities like Indore, Gwalior, no preparation in Jabalpur
इंदौर, ग्वालियर जैसे शहरों में सीरो सर्वे, जबलपुर में कोई तैयारी नहीं
दूसरी लहर में 29 हजार मरीज अब तक आ चुके हैं सामने इंदौर, ग्वालियर जैसे शहरों में सीरो सर्वे, जबलपुर में कोई तैयारी नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर। दूसरी लहर के बाद प्रदेश में ग्वालियर, उज्जैन में सीरो सर्वे के बाद अब इंदौर में सीरो सर्वे हो रहा है, लेकिन जबलपुर में इसकी कोई तैयारी नहीं है, जबकि संक्रमण के मामले यहाँ 50 हजार की संख्या को पार कर चुके हैं। इनमें से 29 हजार से ज्यादा मरीज दूसरी लहर की शुरुआत से लेकर अब तक सामने आ चुके हैं। अकेले अप्रैल माह में ही करीब 24 हजार मरीज सामने आए थे। वहीं पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का ग्राफ भी बढ़ा था। शहर में 9वीं से 12वीं के स्कूल बच्चों के लिए खोल दिए गए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट की वजह से मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ी थी। अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर चर्चाएँ गर्म हैं। ऐसे में यह पता लगाना जरूरी है कि कितने फीसदी लोगों में एंटी बॉडी बन चुकी है। तब यह पहले से पता चल सकेगा कि कितने लोग वैक्सीनेशन के बाद कोरोना की तीसरी लहर से लडऩे तैयार हैं।
पिछले साल दिसंबर में हुआ था सीरो सर्वे, सच साबित हुआ अनुमान-
शहर में पिछले वर्ष दिसंबर माह में 12 दिनों तक सीरो सर्वे के लिए सैंपलिंग की गई थी, जिसमें 9 हजार 279 लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट हुआ था। 40 टीमों ने 79 वार्डों में सर्वे किया था। सीरो सर्वे की रिपोर्ट करीब डेढ़ माह बाद आई थी, जिसमें मात्र 28.72 प्रतिशत लोगों में ही एंटी बॉडी मिली थी और शेष 71.28 प्रतिशत को कोरोना होने खतरा था और दूसरी लहर में जिस तेजी से संक्रमण फैला, यह बात एक तरह से सच साबित हो गई। दूसरी लहर से पहले मिले कुल मरीजों से ज्यादा मरीज अकेले अप्रैल माह में ही सामने आ गए।
बच्चों के पास नहीं वैक्सीन का विकल्प, संक्रमित होने का खतरा-
पिछले वर्ष हुए सीरो सर्वे में यह बात भी सामने आई थी कि सबसे कम एंटी बॉडी 0 से 18 वर्ष की उम्र वर्ग में बनी हैं। जिसके बाद दूसरी लहरे में, पहली लहर के मुकाबले ज्यादा बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे। इस उम्र वर्ग में करीब 1300 बच्चे कोरोना संक्रमित हुए थे, जो कि पहली लहर से अधिक है। वर्तमान में जब बच्चों के लिए वैक्सीन का विकल्प नहीं है और संभावित तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने विशेष दिशा निर्देश के साथ तैयारियाँ की जा रही हैं, ऐसे में बच्चों में एंटी बॉडी बनी या नहीं या कितनी है, यह बात सीरो सर्वे से ही सामने आ सकती है।
क्या होता है सीरो सर्वे में-
सीरो सर्वे में ऐसे लोगों का एंटी बॉडी टेस्ट किया जाता है, जो सैंपल देने के पहले तक कभी भी कोरोना संक्रमित न हुए हों अथवा कोरोना संक्रमण काल में कभी भी संदिग्ध लक्षण न रहे हों।
अभी अधिक से अधिक वैक्सीनेशन लक्ष्य-
सीरो सर्वे कराने का निर्णय शासन स्तर पर किया जाता है। इस तरह के निर्देश मिलेंगे तो कराया जाएगा। अभी ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है।
-डॉ. रत्नेश कुररिया, सीएमएचओ

 

Created On :   19 Aug 2021 10:11 PM IST

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