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फर्जी खेल प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले 12 की सेवा समाप्त, पुलिसकर्मियों के कैशलेस इलाज के लिए बनेगी नीति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में फर्जी खेल प्रमाणपत्र के आधार पर राज्य सरकार के समूह सी और डी में भर्ती हुए 34 में से 12 अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। जबकि और 22 अभ्यर्थियों की भी नियुक्ति जल्द रद्द कर दी जाएगी। प्रदेश की खेल राज्य मंत्री अदिती तटकरे ने यह जानकारी दी। सोमवार को प्रश्नकाल में शिवसेना सदस्य मनीषा कायंदे ने फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर खिलाड़ियों द्वारा सरकारी नौकरी हासिल करने को लेकर सवाल पूछा था। इस पर अदिती ने कहा कि फर्जी खेल प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वाले सभी 34 अभ्यर्थियों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इसके बाद 34 रिक्त पदों पर नई नियुक्ति की जाएगी। अदिती ने कहा कि खेल विभाग की जांच में पाया गया है कि 258 अभ्यर्थियों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी खेल प्रमाणपत्र दिया था। जिसमें से 34 अभ्यर्थियों को नौकरी मिली थी। इन सभी अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अदिती ने कहा कि आगामी समय में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने के मामले को रोकने के लिए खेल विभाग की ओर से एक पोर्टल तैयार किया जा रहा है। जिसमें खिलाड़ियों को विस्तार से अपनी जानकारी देनी होगी।
पुलिसकर्मियों के कैशलेस इलाज के लिए बनेगी नीति
प्रदेश सरकार पुलिस कर्मियों के कैशलेस इलाज के लिए महाराष्ट्र पुलिस परिवार स्वास्थ्य योजना का दायरा बढ़ाने के संबंध में नीतिगत फैसला करेगी। विधान परिषद में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटील ने यह आश्वासन दिया। पाटील ने कहा कि पुलिस परिवार स्वास्थ्य योजना के तहत 39 बीमारियों का उपचार किया जाता है। जबकि महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के तहत लगभग 1 हजार बीमारियों का इलाज होता है। इसलिए पुलिस परिवार स्वास्थ्य योजना में और बीमारियों को शामिल किया जाएगा। इसका फायदा राज्य के 2 लाख पुलिस कर्मचारियों को मिल सकेगा। सदन में प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना सदस्य सुनील शिंदे ने पुलिस कर्मचारियों के इलाज की सुविधा के संबंध में सवाल पूछा था। इस बीच भाजपा सदस्य रणजीत पाटील ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों को इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराना चाहिए। पाटील ने कहा कि इलाज कराने वाले पुलिस कर्मचारियों के बिल की मंजूरी के लिए पुलिस मुख्यालय में भेजने के लिए डिजिटल व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
बढ़ेगा बीड वक्फ बोर्ड जमीन घोटाले की जांच का दायरा
बीड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन खरीदने और बेचने के पांच विभिन्न मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दस्ते (एसआईटी) के जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही एसआईटी तेज गति से जांच पूरी करेगी। विधान परिषद में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने यह आश्वासन दिया। देसाई ने कहा कि बीड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन खरीदी और बिक्री प्रकरण में कुल 5 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें से 3 मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। जबकि 2 मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है। ईओडब्ल्यू के पास मौजूद 2 प्रकरण को भी अब जांच के लिए एसआईटी को दिया जाएगा। एसआईटी में जरूरत पड़ी तो राजस्व विभाग के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। देसाई ने कहा कि इस मामले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रश्नकाल में भाजपा समर्थित सदस्य विनायक मेटे ने बीड़ में वक्फ बोर्ड की जमीन कब्जा करने को लेकर सवाल पूछा था। देसाई ने कहा कि पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए राजस्व विभाग से संबंधित जमीन के दस्तावेज को मांगा है लेकिन राजस्व विभाग ने अभी तक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है। मैंने पुलिस को बीड़ के जिलाधिकारी से आवश्यक दस्तावेज लेने के निर्देश दिए गए हैं। देसाई ने कहा कि एसआईटी 5 में से 3 मामले की जांच शुरू कर दी है। जिसमें पहले मामले में 17 में से 16 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। दूसरे मामले में सभी 6 आरोपी गिरफ्तार हैं। जबकि तीसरे मामले में 3 में से 2 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
Created On :   7 March 2022 8:10 PM IST