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दैनिक भास्कर हिंदी: महाराष्ट्र में बनेंगे सात सरकारी मेडिकल कॉलेज, व्यवसाय शिक्षा-प्रशिक्षण में खरीद की एसीबी करेगी जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार से प्रदेश के लिए 7 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए मंजूरी मिलेगी। इसमें उस्मानाबाद और परभणी, अलीबाग और सिंधुदुर्ग जिले के मेडिकल कॉलेज का समावेश होगा। मंगलवार को विधान परिषद में प्रदेश के मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने यह जानकारी दी। महाजन ने कहा कि पिछले 15 से 20 सालों में राज्य में एक भी सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाए थे लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद बीते चार सालों में बारामती, चंद्रपुर, जलंगाव और गोंदिया में मेडिकल कॉलेज तैयार हो गए हैं। चारों मेडिकल कॉलेज में प्रवेश भी शुरू हो गया है। मंत्री महाजन ने कहा कि केंद्र सरकार देश के सभी राज्यों के लिए 75 मेडिकल कॉलेज मंजूर करने वाली है। जिसमें से7 मेडिकल कॉलेज महाराष्ट्र को मिलेंगे। इन मेडिकल कॉलेज को जिले के सिविल अस्पताल से जोड़ा जाएगा। सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य सतीश चव्हाण और भाजपा सदस्य सुजितसिंह ठाकुर ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए निर्धारित 70-30 के फार्मूले में बदलाव की मांग की थी। चव्हाण ने कहा कि इस फार्मूले के कारण मराठवाड़ा के विद्यार्थियों के साथ प्रवेश के मामले में अन्याय होता है। इस पर महाजन ने कहा कि यह मामला अदालत में है। फिर भी इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में बैठक बुलाई जाएगी। इस दौरान विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि मंत्री महाजन ने 17 जुलाई 2018 को यही उत्तर दिया था। मेरे पास उनके जवाब की लिखित प्रति मौजूद है। आश्वासन पूरा न करने पर महाजन को सदन से माफी मांगनी चाहिए। इस पर महाजन ने कहा कि यह सच है कि मैंने उस्मानाबाद और परभणी में मेडिकल कॉलेज शुरू करने का आश्वासन दिया था। इसमें थोड़ी देरी हुई है। लेकिन सरकार मेडिकल कॉलेज के लिए प्रयास कर रही है। इस परविपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। इससे सदन की कार्यावाही पांच मिनट के लिए स्थगितकरनी पड़ी।
कामठी में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 270 लोग ही पात्र, लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
नागपुर जिले के कामठी नगरपरिषद क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 1077 आवेदन आए थे। इनकी जांच-पडताल के बाद 270 आवेदन ही पात्र पाए गए। डीपीआर पेश करते वक्त आवेदकों की पात्रता जांचने के मामले में हुई लापरवाही के लिए निजी संस्था सहित नगर परिषद के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के गृह निर्माण मंत्री राधाकृष्ण विखेपाटील ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। भाजपा के मिलिंद माने ने इस संबंध में सवाल पूछा था। मंत्री ने बताया कि डीपीआर पेश करते समय पात्रता की जांच करना जरूरी है। इस मामले में लापरवाही दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि कामठी नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 सविस्तार परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूर किया गया है। इसके लिए कुल 1077 लोगों ने आवेदन किया था। जिसमे से 270 आवेदन पात्र पाए गए बाकी 807 आवेदकों के पास खुद की जमीन न होने के वजह से उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सका। जो आवेदक 2011 से पहले से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं, उनके द्वारा जरूरी प्रमाण पेश करने पर जमीन के पट्टे के लिए जमीन नापने का प्रस्ताव भूमि अभिलेख कार्यालय के सामने पेश किया जाता है। अभी तक 578 आवेदकों के प्रस्ताव इस कार्यालय को भेजे गए हैं। मंत्री ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि डीपीआर पेश करते वक्त आवेदकों की पात्रता जांचने में लापरवाही की गई है। डीपीआर तैयार करने वाली संस्था हरिओम नवोदय बहुउद्देश्यीय संस्था ने इस मामले में लापरवाही की है। इस लिए संस्था का भुगतान रोक दिया गया है। इस मामले में नगर परिषद के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
अकोला में पीएम आवास योजना के लिए 67 हजार आवदेन
अकोला महानगरपालिका क्षेत्र में प्रधान मंत्री आवास योजना के लिए 214 बस्तियों का चयन किया गया है। इसके लिए मनपा के पास 67,210 आवेदन आए हैं। प्राप्त आवेदनों में से 49,549 आवेदन प्रथम दृष्टया पात्र पाए गए हैं। बाकी आवेदनों की भी जांच-पड़ताल शुरु है। झोपड़ों के विकास श्रेणी के लिए 8482 आवेदन पात्र मिले हैं। निजी भागीदारी द्वारा रियायती घर निर्माण श्रेणी के तहत पात्र 16518 आवेदनों के लिए मिले पांच प्रस्तावों में से चार (1092 घरों के लिए) नगर रचना विभाग द्वारा मंजूर आगे की कार्यवाही की जा रही है।
अजिंठा को नगर पंचायत का दर्जा देने नहीं मिला प्रस्ताव
औरंगाबाद जिले के अजिंठा ग्राम पंचायत को नगर पंचायत के रुप में मान्यता देने का प्रस्ताव अजिंठा ग्राम पंचायत ने पारित किया है। लेकिन अभी तक महाराष्ट्र नगर परिषद व नगर पंचायत व औद्योगिक नगर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक प्रस्ताव जिलाधिकारी की सिफारिश सहित सरकार को प्राप्त नहीं हुआ है।
व्यवसाय शिक्षा-प्रशिक्षण में खरीद की एसीबी करेंगी जांच
इसके अलावा प्रदेश सरकार के व्यवसाय शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय में साल 2012 से 2014 के बीच और साल 2017-18 में हुई खरीदारी में अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराई जाएगी। एसीबी की जांच रिपोर्ट 15 अगस्त तक आ जाएगी। इसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के कौशल्य विकास व उद्यमिता मंत्री संभाजी पाटील-निलंगेकर ने यह घोषणा की। मंगलवार को सदन में निर्दलीय सदस्य नागोराव गाणार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिएव्यवसाय शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालयमें हुई खरीद में 100 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार होने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में पाटील-निलंगेकर ने कहा इस मामले की जांच के लिए 29 नवंबर 2017 को समिति गठित की गई थी। इस समिति की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में जिन अधिकारियों पर जिम्मेदारी निश्चित की गई है उन सभी अधिकारियों को एसीबी की जांच पूरी होने तक निलंबित किया जाएगा। पाटील-निलंगेकर ने कहा कि पिछले एक साल से आईटीआई और आईटी विभाग के बीच मतभेत चल रहा है। यह केवल भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं है बल्कि इससे विद्यार्थियों का काफी नुकसान हो रहा है। इससे पहले गाणार ने आरोप लगाया कि यह घोटाला कौशल्य विकास व उद्यमिता विभाग के सचिव असीम कुमार गुप्ता, निदेशालय के तत्कालीन प्रभारी निदेशक विजय कुमार गौतम, निजी सचिव मारूती मोरे, प्रभारी निदेशक अनिल जाधव, वर्तमान उपनिदेशक योगेश पाटील ने मिलकर किया है। सभी अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। गाणार ने कहा कि साल 2017-18 में जरूरत नहीं होने के बावजूद 50 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई। इसमें से 10 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। विद्यार्थियों के प्रवेश प्रक्रिया पंजीयन शुल्क बढ़ाकर यह भ्रष्टाचार किया है।
गौतम के कार्यकाल में हुआ घोटालाः सोले
भाजपा सदस्य अनिल सोले ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का मजेदार किस्सा है। साल 2012 से 14 के बीच 100 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार और अनियमितता हुई है। यह भ्रष्टाचार तत्कालीन प्रभारी निदेशक विजय कुमार गौतम के कार्यकाल में हुआ है। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी गौतम से बातचीत करिए तो आपको लगेगा कि यह व्यक्ति कितना क्रांतिकारी और विद्वान हैं। सोले ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई। लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी गई। गौतम को बचाने के लिए कौन लगा है। इसका पता लगाने की जरूरत है।भाजपा सदस्य गिरीश व्यास ने दावा करते हुए कहा कि गौतम जिस भी विभाग में गए वहां पर भ्रष्टाचार हुआ है। इस बीच उपसभापति नीलम गोर्हे ने संबंधित जांच की स्थिति के बारे में सदन के सदस्यों को अवगत कराने के लिए एक महीने के भीतर मंत्री को बैठक बुलाने का निर्देश दिया। यह बैठक उपसभापति के केबिन में होगी।
जिला परिषद भर्ती के लिए फीस में कमी की बाबत होगी बैठक - राज्यमंत्री का आश्वासन
प्रदेश सरकार की तरफ से 34 जिला परिषदों में रिक्त पदों के लिए शुरू मेगा भर्ती में आवेदकर्ताओं से वसूली जाने वाली फीस की राशि कम करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्रफडणवीस की अध्यक्षता में बैठक बुलाई जाएगी। विधान परिषद में प्रदेश के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री दादाजी भुसे ने यह आश्वासन दिया। मंगलवार को सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे और हेमंत टकले ने यह मुद्दा उठाया था। मुंडे ने कहा कि जिला परिषद की पद भर्ती में खुले वर्ग के आवेदनकर्ताओं से 500 और पिछड़ा वर्ग के आवेदनकर्ताओं से 250 रुपए वसूले जा रहे हैं। यह राशि 100 और 50 रुपए होनी चाहिए। इसके जवाब में भुसे ने कहा कि यह भर्ती महाआईटी के माध्यम से की जा रही है। जिला परिषद में रिक्त पदों भर्ती के लिए 11 लाख 30 हजार 807 आवेद प्राप्त हुए हैं। भर्ती प्रक्रिया के लिए आईटी विभाग को व्यवस्था तैयार करनी पड़ती है। इस बीच मुंडे ने कहा कि महा आईटी में लूट शुरू है। भर्ती के लिए आवेदनकर्ताओं से ली जा रही फीस कम होनी चाहिए। इस दौरान विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। भुसे की तरफ से ठोस जवाब नहीं आने पर प्रस्ताव को तालिका सभापति रामराव वडकुते ने सुरक्षित रख दिया।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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